वर्तमान समय में करोड़ों लोग फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं। शरीर में लिवर दूसरा सबसे बड़ा अंग है। लेकिन आज की अनियमित जीवन-शैली और खानपान के कारण लिवर फैटी हो जाता है। इसके कारण कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। लिवर खाना पचाने के साथ-साथ शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को फ्लश आउट करने, फैट कम करने और प्रोटीन के उत्पादन में मदद करता है। ऐसे में लिवर को हेल्दी और फिट रखना बेहद ही जरूरी है।
बता दें, डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 10 लाख से अधिक लोग लिवर की इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। अनियमित जीवनशैली के कारण लिवर के आसपास फैट यानी वसा इक्ट्ठा हो जाता है, जिसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। जंक फूड, अधिक शराब के सेवन और खान-पान की गलत आदतों के कारण लिवर फैटी हो जाता है।
लिवर फैटी हो जाता है तो लिवर सिरोसिस, कैंसर, हेपेटाइटिस जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, खानपान और जीवन-शैली में सुधार कर लिवर की इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अपनी डाइट में दो चीजें, सहजन और आंवला शामिल करने से लिवर से फैट की मात्रा को कम किया जा सकता है।
सहजन या मोरिंगा: दक्षिण भारत में सहजन का उपयोग विशेष रूप में सांभर में उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही मोरिंगा या सहजन को पारम्परिक दवाइयों के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। सहजन में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, रिबोफ्लेविन, नियासिन, सोडियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। सहजन लिवर को मजबूत बनाने के साथ शरीर के किसी भी भाग के सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
आंवला: फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त रोगी को थकान, कमजोरी, पेट के मध्य और दाहिने हिस्से में दर्द, बदन दर्द और भारीपन जैसी समस्याएं होती हैं। आंवला, लिवर पर मौजूद अतिरिक्त फैट को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। औषधीय गुणों से भरपूर आंवला शरीर को डिटॉक्स कर सभी विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है।