डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जिसे समय रहते कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स (कार्ब्स) का अधिक सेवन ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है। दरअसल कार्ब्स खाने के बाद शरीर ग्लूकोज का तेजी से निर्माण करता है, जिससे ब्लड में शुगर का स्तर अचानक बढ़ जाता है। यही वजह है कि डायबिटीज़ पेशेंट्स को कार्ब्स का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है। मिठाइयां और डेज़र्ट्स साधारण कार्ब्स होते हैं, जो जल्दी पचते हैं और ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा देते हैं।

अक्सर डायबिटीज मरीजों को सलाह दी जाती है कि वो डाइट में मीठी चीजों का सेवन करने से परहेज करें। लेकिन कई मामले ऐसे भी सामने आ चुके हैं जिसमें डायबिटीज पेशेंट मीठा नहीं खाते हैं फिर भी उनका ब्लड शुगर तेजी से स्पाइक करता है। अब सवाल ये उठता है कि बिना मीठा खाएं ब्लड शुगर स्पाइक करने का कारण क्या है?

सीके बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्ली में डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन में  डॉ. मनीष अरोड़ा और  ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल, परेल, मुंबई में फिजिशियन और डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. आरती उल्लाल ने बिना मीठा खाएं शुगर बढ़ने के लिए कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया है। डॉ.अरोड़ा ने बताया ये डायबिटीज मरीजों की शुगर सिर्फ मिठाइयों का सेवन करने से ही स्पाइक नहीं करती बल्कि उसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। डॉ. अरोड़ा ने बताया भले ही आप मिठाई नहीं खा रहे हों, लेकिन अगर आप हाई-ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले फूड्स खाते हैं तो आपकी ब्लड शुगर तेजी से स्पाइक करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि हाई ब्लड शुगर होने के लिए सिर्फ मीठा नहीं और कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

मीठा के अलावा ये फूड बढ़ाते हैं शुगर

डॉ. अरोड़ा ने बताया भले ही आप मिठाई नहीं खा रहे हों लेकिन आप डाइट में हाई ग्लाइसेमिक फूड्स जैसे सफेद ब्रेड, आलू, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स रोज खाते हैं जो ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ाते है। प्रोसेस्ड फूड जिसमें ज्यादा शुगर, अनहेल्दी फैट्स और बड़ी मात्रा में कैलोरी होती हैं वो भी शुगर स्पाइक का बड़ा कारण बनते हैं।

मिठाई के अलावा दवाएं और तनाव भी बढ़ाता है शुगर

डॉ. आरती उल्लाल के अनुसार शुगर स्पाइक के पीछे सिर्फ मीठे फूड्स ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि तनाव भी जिम्मेदार है। बॉडी एक्टिविटी में कमी होना, खराब नींद और कुछ दवाएं जैसे स्टेरॉयड और डायबिटीज़ की दवा या इंसुलिन छोड़ने से भी ब्लड में शुगर का स्तर स्पाइक करता है। एंटीडिप्रेसेंट्स, डिकोन्जेस्टेंट्स और बर्थ कंट्रोल पिल्स भी ब्लड शुगर पर असर डाल सकते हैं।

नींद की कमी शुगर स्पाइक का कारण

अपर्याप्त या खराब गुणवत्ता वाली नींद भी कॉर्टिसोल लेवल बढ़ाती है, जिससे इंसुलिन की संवेदनशीलता घट जाती है और ब्लड शुगर बढ़ जाता है।

बॉडी एक्टिविटी में कमी

व्यायाम न करने से शरीर इंसुलिन रेजिस्टेंस विकसित कर सकता है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है।

संक्रमण या बीमारी

अगर डायबिटीज़ वाला व्यक्ति मिठाई न भी खाए, तो भी सर्दी-जुकाम, फ्लू, या निमोनिया जैसी बीमारियां ब्लड शुगर बढ़ा सकती हैं, क्योंकि शरीर बीमारी से लड़ने के लिए स्ट्रेस रेस्पॉन्स एक्टिव कर देता है।

फिजियोलॉजिकल कारण

डॉन फिनोमेनन यानी सुबह के समय कॉर्टिसोल और ग्रोथ हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जिससे लिवर ग्लूकोज़ बनाता है और एनर्जी देता है। इसका असर सुबह ब्लड शुगर लेवल बढ़ने में दिखता है। अगर रात में ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है, खासकर इंसुलिन लेने वालों में तो शरीर स्टोर्ड ग्लूकोज़ रिलीज़ करता है, जिससे सुबह ब्लड शुगर ज्यादा हो सकता है। इसलिए डॉक्टर कभी-कभी रात 3 बजे ब्लड शुगर लेवल चेक करने की सलाह देते हैं।

हार्मोनल बदलाव भी हैं ब्लड शुगर स्पाइक का कारण

मेनोपॉज़ के बाद की महिलाएं या जिनमें हार्मोनल असंतुलन होता है उनमें इंसुलिन सेंसिटिविटी बदल सकती है, जिससे शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आता है।

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