हरी मटर एक ऐसी सब्जी है, जो साल भर खाई जाती है और बहुत से व्यंजनों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। हरी मटर स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन और कई सारे विटामिन से भरपूर होती है। मटर का सेवन करने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं और बहुत सी बीमारियों से भी बचाव होता है। सर्दियों के मौसम में हरी मटर ताजा और आसानी से उपलब्ध होती है, लेकिन बाकी महीनों में लोग फ्रोजन मटर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। यह बाजार में आसानी से मिल जाती है और इसकी शेल्फ लाइफ भी लंबी होती है। ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल रहता है कि फ्रोजन मटर खाना या फिर ताजा मटर खाना सेहत के लिए फायदेमंद होती है। एसेंट्रिक क्लीनिक की डाइटीशियन शिवाली गुप्ता ने बताया कि फ्रोजन मटर कब और कैसे खाना चाहिए और ऐसा नहीं करने पर सेहत को क्या नुकसान हो सकते हैं।

शिवाली गुप्ता के अनुसार, मानसून में लोग ताजे मटर की जगह फ्रोजन मटर का इस्तेमाल करने लगते हैं, लेकिन रोजाना इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, फ्रोजन मटर स्टार्च, सोडियम और लेक्टिन जैसे तत्व होते हैं। ऐसे में अगर रोज फ्रोजन मटर का इस्तेमाल किया जाता है तो शरीर में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

कैसे बनती है फ्रोजन मटर

दरअसल, फ्रोजन मटर को तब काटा जाता है जब यह पूरी तरह से पक जाती है। इसके बाद इसे -18 डिग्री सेल्सियस पर फ्रीज करके रख दिया जाता है। इस वजह से इनके अंदर माइक्रोबियल ग्रोथ और एंजाइमेटिक ब्रेकडाउन नहीं होता और लंबे समय तक यह खराब नहीं होती। वहीं, आमतौर पर जो हरी मटर मिलती है उसे थोड़ा कच्चा ही काट लिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि लोगों के पास पहुंचने में थोड़ा समय लगता है और पक्की हुई मटर को बाजार में बेचा जाएगा तो इतने समय में मटर खराब होने की संभावना अधिक हो जाती है।

पाचन तंत्र

फ्रोजन मटर में लेक्टिन होता है,  पाचन तंत्र की परत से चिपक सकता है, जिससे सूजन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अच्छी तरह पकाकर इसके प्रभाव को कुछ हद तक घटाया जा सकता है। इसके अलावा फ्रोजन मटर को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये रसायन कुछ लोगों के लिए पाचन संबंधी समस्याएं जैसे गैस, अपच, और पेट में भारीपन पैदा कर सकते हैं।

पोषक तत्वों की कमी

मटर में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन C और K भरपूर मात्रा में होते हैं, लेकिन जब मटर को फ्रीज किया जाता है, तो उसके प्राकृतिक पोषक तत्वों में कमी आ जाती है। कई बार बार-बार डीफ्रॉस्ट और रीफ्रिज करना इन पोषक तत्वों को और भी नष्ट कर देता है।

वजन बढ़ने का खतरा

फ्रोजन फूड में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में फ्रोजन मटर का अधिक सेवन करने से वजन बढ़ सकता है। इससे शरीर में अतिरिक्त फैट जमा हो सकता है, जिससे मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है। इसके अलावा फ्रोजन मटर को पकाते समय यदि आप इसे अधिक तेल या घी के साथ मिलाते हैं, तो यह एक हाई-कैलोरी डिश में बदल जाती है।

ब्लड शुगर

फ्रोजन मटर का सेवन करने से ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है, फ्रोजन मटर में स्टार्च होता है। डायबिटिक मरीजों के फ्रोजन मटर का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। उन्हें इससे परहेज करना चाहिए। इसके अलावा बाजार में मिलने वाली प्रोसेस्ड फ्रोजन मटर में अतिरिक्त शुगर या नमक भी मिलाया जाता है, जो वजन और बीपी जैसी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।

एलर्जी

फ्रोजन फूड्स का सेवन हर किसी के सही नहीं होता। कुछ लोगों को फ्रोजन फूड्स में प्रयुक्त प्रिजर्वेटिव्स से एलर्जी हो सकती है। इसके लक्षणों में त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, गले में खराश या सांस लेने में दिक्कत शामिल हो सकते हैं।

वहीं, द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि रोजाना सिर्फ 7,000 कदम चलना भी स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए काफी हो सकता है।