मधुमेह यानी डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो विश्व स्तर पर लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है। खासकर भारत में इस गंभीर बीमारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि हमारे देश में डायबिटीज की शुरुआत की उम्र पश्चिमी देशों की तुलना में 10 साल पहले है। अधिक गंभीर बात यह है कि इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं है। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, 80% लोग हेल्दी खानपान, नियमित शारीरिक गतिविधि और तंबाकू से परहेज कर डायबिटीज पर काफी हद तक काबू जरूर पा सकते हैं। इसमें भी खानपान पर ध्यान देना सबसे अधिक जरूरी है। इसी कड़ी में यहां हम आपको बता रहे हैं कि अच्छी सेहत के लिए डायबिटीज के मरीज क्या खाएं और क्या नहीं-
कम जीआई वाले खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दें
हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज पेशेंट्स को इंसुलिन और ब्लड शुगर के लेवल को बैलेंस करने के लिए कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देने की सलाह देते हैं।
ऐसे में बता दें कि अनाज (गेहूं, चावल आदि), जड़ वाली सब्जियां जैसे आलू, नूडल्स आदि में उच्च जीआई (65-75%) होता है, फलों में इंटरमीडिएट जीआई (45-55%) होता है और दूध और दूध से बने उत्पाद, सोयाबीन, फलियां और दालों में कम जीआई (30-40%) होता है। इन बातों को ध्यान में रखकर आप अपने लिए सही डाइट चुन सकते हैं। आप गेहूं के आटे की जगह साबुत अनाज को डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। इससे अलग आप उपमा, पोहा आदि में हरी सब्जियों को शामिल कर खा सकते हैं। खिचड़ी, पुलाव, ढोकला, डोसा जैसे चावल आधारित व्यंजनों में दाल की मात्रा बढ़ाकर उन्हें डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। इस तरह हाई जीआई इंडेक्स वाले फूड्स में कम जीआई इंडेक्स वाले फूड को शामिल कर आप एक बैलेंस मील तैयार कर सकते हैं।
बिना स्टार्च वाली सब्जियां
गैर-स्टार्च वाली सब्जियों में पालक, ब्रोकोली, खीरे, मिर्च और टमाटर जैसी सब्जियां शामिल हैं। इनमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इन्हें मधुमेह रोगियों के लिए एक स्वस्थ विकल्प बनाते हैं। सब्जियों में हाई फाइबर कंटेंट रक्तप्रवाह में शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है, जिससे खून ग्लूकोज बढ़ने से बच जाता है। इसके अलावा, इनमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट कम होते हैं और पोषक तत्व अधिक होते हैं जो वजन प्रबंधन में मदद करते हैं। ये भी डायबिटीज पेशेंट्स के लिए फायदेमंद है।
बाजरा
ब्राउन राइस और बाजरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। ऐसे में ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इससे अलग बाजरे में मौजूद हाई मैग्नीशियम कंटेंट शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज रिसेप्टर्स की दक्षता में सुधार करता है और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करता है, जो डायबिटीज पेशेंट्स के लिए जरूरी है।
लीन प्रोटीन
आप डाइट में मछली, टोफू, बीन्स और दाल जैसे लीन प्रोटीन स्रोतों को शामिल कर सकते हैं। लीन प्रोटीन ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार होता है। इसके अलावा, प्रोटीन आपको ओवरइटिंग से बचाता है, जो भी ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है।
नट्स एंड सीड्स
कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, बादाम और काजू में अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है। मधुमेह से पीड़ित लोगों में मैग्नीशियम की मात्रा कम होती है, जो कम इंसुलिन उत्पादन और अधिक इंसुलिन असंवेदनशीलता से जुड़ा होता है। ऐसे मेंमैग्नीशियम की खुराक ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
मसाले
अदरक, लहसुन, लौंग, मेथी आदि जैसे मसाले मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। आप इन्हें अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। खासकर अदरक का नियमित सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसे लेकर T2DM पेशेंट्स पर हुए एक शोध के नतीजे बताते हैं कि अदरक तेजी से ब्लड शुगर को कम करता है और HbA1c में काफी सुधार करता है। इसमें जिंजरोल नामक एक बायोएक्टिव रसायन पाया जाता है, जो डायबिटीज पेशेंट्स के लिए फायदेमंद है। इससे अलग अदरक लिपिड मेटाबॉलिज्म और इंसुलिन स्राव को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
इस तरह आप अपनी डाइट पर ध्यान देकर डायबिटीज की स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।