मधुमेह एक लाइलाज बीमारी है लेकिन मरीज अपने जीवनशैली और खान-पान में बदलाव करके ब्लड शुगर को बढ़ने से रोक सकते हैं। आजकल आलस कहें या फिर समय नहीं होने के कारण भी लोगों में खान-पान को लेकर बहुत सी लापरवाही की आदतें हैं जिसके कारण भी बहुत सारी समस्याएं होती हैं। लोगों में सुबह नाश्ते को लेकर कोई नियम कानून नहीं है। ऐसे में अधिकतर लोग नाश्ते में कॉर्न फ्लेक्स जैसे ऑप्शंस चुनना पसंद करते हैं।

कॉर्न फ्लेक्स से सम्बंधित कई तरह के विज्ञापन देखकर लोगों को लगता है कि यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। सुबह के नाश्ते में कॉर्न फ्लेक्स (Corn flakes) खाना आजकल ट्रेंड में है लेकिन वे लोग जरा इसका सेवन कम ही करें, जिन्हें डायबिटीज है।

दरअसल, कॉर्नफ्लेक्स में शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए एक तरह का रासायनिक स्वीटनर मिलाया जाता है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए खासतौर से नुकसानदायक हो सकता है। आइये जानते हैं कि कॉर्न फ्लेक्स मधुमेह रोगियों के लिए किस तरह फायदेमंद और नुकसानदेह है-

विटामिन प्रोटीन से भरपूर: डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपने डाइट में कोई भी खाद्य पदार्थ शामिल करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। कॉर्नफ्लेक्स प्रोटीन और विटामिन से भरपूर होता है। इसके अलावा इनमें कार्बस की मात्रा अधिक होती है और ज्यादातर सेरेल प्रोसेस्ड भी होती हैं, तो ये नाश्ता डायबिटीज के मरीजों के लिए अनुकूल नहीं है। दरअसल मधुमेह एक ऐसा रोग है, जिसमें व्यक्ति को खाने-पीने के मामले में काफी परहेज बरतना पड़ता है।

माल्‍ट फ्लेवरिंग और कॉर्न सीरप: कॉर्नफ्लेक्स मक्के का बना होता है, इसके अलावा शुगर, माल्‍ट फ्लेवरिंग और कॉर्न सीरप होता है, जिसमें फ्रक्‍टोज का लेवल काफी अधिक होता है। तो अगर आप फ्लेवर वाला कॉर्नफ्लेक्‍स खाते हैं, जिसमें सिरप मिली होती है, आपका वजन बढ़ा सकता है। मधुमेह की रोगियों के लिए बढ़ता वजन मौत के समान होता है। कॉर्न फ्लेक्स के टेस्टी बनाने के लिए सोडियम में गर्म किया जाता है और इसमें कॉर्न सिरप और स्वीटनर भी मिलाये जाते हैं। सोडियम हाई ब्‍लड प्रेशर और दिल की बीमारी होने का रिस्‍क बढ़ाता है।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स: कॉर्न फ्लेक्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है। कॉर्नफ्लेक्‍स का जीआई वैल्‍यू 83 होता है, जो कि ब्‍लड शुगर लेवल को तुरंत बढ़ा देता है। कॉर्नफ्लेक्‍स बनाते वक्‍त काफी सारा फाइबर नष्‍ट हो जाता है, जिससे आप तक सही फाइबर की मात्रा नहीं पहुंच पाती। 70 से ऊपर ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली खाद्य सामग्री को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स कैटेगिरी में रखा जाता है।