आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान से लेकर लाइफस्टाइल पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है, जिसके चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्या बहुत अधिक बढ़ गई है। हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी बीमारी या समस्या से परेशान है। ऐसा सिर्फ महिलाओं के साथ ही नहीं, बल्कि पुरुषों के साथ भी बराबर है। ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों को कुछ मेडिकल टेस्ट जरूर करवाने चाहिए। क्योंकि, मेडिकल टेस्ट से सेहत का अपडेट मिलता है और होने वाली किसी भी समस्या का तुरंत पता चलता है। हालांकि, बहुत से लोगों का मानना है कि जब कोई परेशानी ही नहीं हो रही तो टेस्ट क्यों करवाने, जिसके चलते समय रहते कई बीमारियों का पता नहीं चल पाता और धीरे-धीरे समस्या गंभीर होती चली जाती है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज की मेडिकल ऑन्कोलॉजी की वाइस चेयरमैन डॉ. मीनू वालिया के अनुसार, लाइफ के अलग-अलग पड़ावों पर अलग-अलग बीमारियां प्रभावित करती हैं। हालांकि, नियमित लाइमलाइट के अनुसार स्वास्थ्य जांच करवाने से कुछ बीमारियों का शुरुआती चरण में ही पता चल सकता है, जिससे इलाज के नतीजे बेहतर हो सकते हैं।
ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन यह हार्ट रोग, स्ट्रोक और किडनी फैल जैसे गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। हर 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को अपने ब्लड प्रेशर की जांच करते रहना चाहिए, क्योंकि इससे हार्ट हेल्थ पर नजर रखने में मदद मिलती है।
कोलेस्ट्रॉल (लिपिड प्रोफाइल)
यह टेस्ट एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल, और ट्राइग्लिसराइड के लेवल को मापता है। जब एलडीएल लेवल अधिक होता है, तो इसका मतलब है कि आपको हाई कोलेस्ट्रॉल है। इससे धमनियां अवरुद्ध हो सकती हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है। हर साल पुरुषों को ये टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इसके अलावा हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कंट्रोल करने के लिए खानपान और लाइफस्टाइल को अच्छा रखें।
शुगर टेस्ट
टाइप 2 डायबिटीज मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों में एक बेहद आम स्थिति है और आमतौर पर बिना किसी गंभीर लक्षण के विकसित होती है। खाली पेट ब्लड शुगर टेस्ट या HbA1c परीक्षण प्रीडायबिटीज या यहां तक कि मधुमेह यानी डायबिटीज का पता लगाने में मदद कर सकता है। हाई शुगर होने पर ये धीरे-धीरे शरीर के अंगों को प्रभावित करता और कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।
प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग (पीएसए टेस्ट)
प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) ब्लड टेस्ट प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआती चरणों में पता लगाने में मदद करता है। हालांकि, यह हर साल हर पुरुष के लिए जरूरी नहीं है, लेकिन जिन पुरुषों में इसका जोखिम ज्यादा होता है, जैसे कि पारिवारिक इतिहास वाले या अफ्रीकी मूल के लोग, उन्हें इसकी सलाह दी जाती है।
लिवर फंक्शन टेस्ट
फैटी लिवर रोग या शराब या दवाओं के कारण लिवर को होने वाली क्षति जैसी लिवर संबंधी समस्याओं का पता एक साधारण ब्लड टेस्ट से लगाया जा सकता है। लिवर फंक्शन स्क्रीनिंग लिवर पर तनाव के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने और क्षति को रोकने में मदद करती है।
कोलन कैंसर स्क्रीनिंग
कोलन कैंसर पुरुषों में होने वाले प्रमुख कैंसर में से एक है। सालाना मल परीक्षण (FIT या gFOBT) छिपे हुए रक्त का पता लगा सकता है, जो कोलन कैंसर का एक संभावित संकेत है। 45 साल की उम्र से पुरुषों को हर 10 साल में कोलोनोस्कोपी करवाने की सलाह दी जा सकती है, लेकिन सालाना जांच जरूरी है।
आई टेस्ट
उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है और आपको ग्लूकोमा या मोतियाबिंद जैसी बीमारियां हो सकती हैं। आंखों के स्वास्थ्य की जांच के लिए सालाना आंखों की जांच करवाने से सही रोशनी बनाए रखने और धुंधलापन से बचने में मदद मिल सकती है।
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