Diabetes Patients Safety amidst Coronavirus: वैश्विक महामारी बन चुकी कोरोना वायरस से सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों और बुजुर्गों में देखा गया है। इसके पीछे कमजोर इम्यूनिटी को वजह बताया जा रहा है। इसी तरह डायबिटीज के मरीजों को भी कोरोना वायरस को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अब तक जितने भी लोग इस वायरस से संक्रमित हैं उनमें से ज्यादातर लोगों की पहले से मेडिकल हिस्ट्री है और वो डायबिटीज या हाई बीपी के पेशेंट हैं। एम्स के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अमनदीप सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस से बुजुर्गों को अधिक खतरा है। मधुमेह, हृदय रोग,कैंसर ,फेफड़े की बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को कोरोना से बचने के लिए इस ओर काफी ध्यान देना होगा क्योंकि मधुमेह में शरीर के ब्लड वेसल्स में कमजोरी आ जाती है। इससे फेफड़ों के कार्य क्षमता पर भी असर पड़ता है ओर कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

एक्सपर्ट्स की ये है राय: हृदय रोग के मरीज जैसे कि किसी को पहले कोई हार्ट अटैक आया हो उसमें भी जब वायरस का संक्रमण होता है तो फेफड़े की कमजोरी की वजह से हृदय पर अधिक असर होता है जिससे कि फिर से दिल का दौरे का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन मरीजों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए अन्यथा कोरोना जानलेवा साबित होता है। वहीं, ‘दी इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी एक खबर के मुताबिक संभावित कोरोनावायरस संक्रमण और मधुमेह टाइप 1 या टाइप 2 के बीच संबंध इसलिए है क्योंकि दूसरों की तुलना में डायबिटीज के मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। डायबिटीज के मरीजों में संक्रमण बढ़ जाने की वजह से भी मौत का खतरा ज्यादा होता है।

डायबिटीज के मरीज इन बातों का रखें ख्याल: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कभी भी घर में खाली न बैठें, जितना हो सके कुछ काम करते रहने की कोशिश करें। डायबिटीज में एक्टिविटी बहुत महत्वपूर्ण है। रोजाना आधा घंटा एक्सरसाइज जरूर करें। वहीं, डायबिटीज टाइप 2 के मरीजों खासकर बच्चों और व्यस्कों को 1 घंटा व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। उनके अनुसार, सेल्फ आइसोलेशन से डायबिटीज मरीजों को अपने रूटीन में बदलाव नहीं करना चाहिए। साथ ही मधुमेह के मरीजों को काफी देर तक एक जगह बैठकर कार्य नहीं करते रहना चाहिए बल्कि कुछ देर के अंतराल पर 5-5 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। इसके अलावा, हर आधे घंटे पर पानी पीते रहें और नियमित रूप से 8 से 10 घंटे की नींद लें।