अगर आपको डायबिटिज है तो आम तौर पर लोग आइसक्रीम खाने को कहते हैं। आइसक्रीम का मुकाबला सलाद से नहीं हो सकता है। पोषण के मामले में सलाद बेहतर विकल्प है, लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि कुछ सतर्कता के साथ डायबिटिज में आइसक्रीम और अन्य जमी हुई चीजें खाई जा सकती हैं। वैसे कौन सी आइसक्रीम खाई जाए, इसको लेकर कुछ चीजें समझनी पड़ेंगी।

आइसक्रीम वह ठंडा, मलाईदार “पदार्थ” है जिसे एक कंटेनर से एक डिश या कोन में निकाला जाता है और खाया जाता है। जिन लोगों को डायबिटिज है, वे आमतौर पर सोचते हैं कि आइसक्रीम खाना उनके लिए ठीक नहीं है। हालांकि यह सच है कि बाजार में जो आइसक्रीम हैं, उसमें चीनी की मात्रा काफी अधिक होती है, इससे वे नुकसानदायक हैं। शुगर फ्री जैसी आइसक्रीम में भी कार्बोहाइड्रेट और प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली शुगर होती है। शुगर फ्री आइसक्रीम से भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।

ऐसे में क्या करें
यूं तो बाजार में उपलब्ध शुगर फ्री आइसक्रीमों के विकल्पों में चुनाव करना मुश्किल होता है, लेकिन फिर भी चुनना ही है तो ऐसी आइसक्रीम चुनें, जिसमें कार्ब्स की मात्रा कम हो। आधा कप सर्विंग में 20 ग्राम से कम कार्ब्स वाली आइसक्रीम सबसे अच्छा विकल्प होगा और इसमें कोई अतिरिक्त चीनी नहीं बल्कि केवल प्राकृतिक चीनी हो।

खाने के साथ ही खाएं आइसक्रीम
डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों को डायबिटिज है, उन लोगों को आइसक्रीम खाने के साथ ही खाना चाहिए। इससे भोजन का प्रोटीन और अग्नि ब्लड शुगर को स्थिर करने में मदद करेगा और अचानक नहीं बढ़ेगा। ऐसी आइसक्रीम चुनें, जिसमें प्रोटीन अधिक हो और वसा कम हो। आइसक्रीम में पाया जाने वाला प्रोटीन ब्लड में शुगर के एब्जार्पशन को धीमा करने में मदद कर सकता है।

आइसक्रीम खाने के लिए कोशिश करें कि अपने भोजन में कुछ बदलाव करें। जैसे कार्ब्स ज्यादा हो, उसको उस दिन कम कर दें या न लें। सामान्य तौर पर डायबेटिक को प्रति दिन कार्ब सेवन 45-60 ग्राम ही होना चाहिए। यदि आप डायबेटिक है तो आप सैंडविच, आलू, चावल या किसी अन्य चीज़ को बदलें जिसमें आइसक्रीम के साथ कार्ब्स हों।

आइसक्रीम में जितनी अधिक चीनी होगी, उसमें उतने ही अधिक कार्ब्स होंगे। ये कार्ब्स अंततः एक दिन में जरूरी कुल कार्ब से अधिक हो जाते हैं। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए आइसक्रीम का चयन बुद्धिमानी और सोच-समझकर ही करें।