डायबिटीज एक क्रॉनिक डिसीज है, जिसमें ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के स्तर को काबू में रखना बेहद ही जरूरी होता है। वर्तमान समय में खराब खानपान, अव्यवस्थित जीवन-शैली, कोई शारिरिक गतिविधि ना करना, अनुवांशिकता और तनाव के कारण लोग डायबिटीज यानी मधुमेह की चपेट में आ जाते हैं। इस बीमारी में शरीर में या तो इंसुलिन बनना बंद हो जाता है या फिर वह इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आज भारत में 7.8 प्रतिशत लोग डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे हैं।

खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से सिर में तेज दर्द, आंखों की रोशनी धुंधली होना, वजन घटना, बार-बार प्यास लगना, थकावट, ध्यान केंद्रित न कर पाना और तनाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि जब डायबिटीज की स्थिति बिगड़ जाए तो दिल से जुड़ी बीमारियां, गुर्दे खराब होना और ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स मधुमेह के रोगियों को अपने ब्लड शुगर लेवल का विशेष रूप से ध्यान रखने की सलाह देते हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं , जिनके जरिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है, ऐसी है एक जड़ी-बूटी है गिलोय। औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय में ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड मौजूद होता है, साथ ही इसमें आयरन, फास्फोरस, जिंक, कैल्शियम समेत एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर गुण भी पाए जाते हैं। डायबिटीज के मरीज अलग-अलग तरीकों से गिलोय का सेवन कर सकते हैं।

इस तरह करें गिलोय का सेवन:

गिलोय का जूस: इसके लिए गिलोय के तने और पत्तियों से जूस बना लें। आप चाहें तो इसमें नीम, खीरा, टमाटर या फिर सदाबहार के फूल मिला सकते हैं। सुबह खाली पेट इस जूस का सेवन करने से आपको फायदा मिल सकता है। आप चाहें तो गिलोय की गोली भी खा सकते हैं, लेकिन इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

गिलोय का काढ़ा: ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में गिलोय का काढ़ा बेहद ही फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय के तने को पानी में तब तक उबालें, जब तक वह आधा ना रह जाए। इसके बाद ठंडा होने पर काढ़े का सेवन करें।