मधुमेह यानी डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जो कई मामलों में बेहद गंभीर हो सकता है। इसे आसान भाषा में समझा जाए, तो जो खाना हम खाते हैं, उसे हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट तोड़कर ग्लूकोज में बदलता है। इसके बाद हमारे पैंक्रियाज से इंसुलिन हार्मोन निकलता है, जिसकी मदद से बॉडी की सेल्स शुगर को सोख कर एनर्जी बनाती हैं, लेकिन जब शरीर में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या वह ठीक से काम नहीं करता है, तो सेल्स खून में मौजूद शुगर की मात्रा को सोखने में असमर्थ हो जाती हैं। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है।

इस गंभीर बीमारी के दो टाइप है। टाइप 1 डायबिटीज अनुवांशिक होती है और टाइप 2 डायबिटीज के पीछे हेल्थ एक्सपर्ट्स खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान को अहम कारण बताते हैं। दोनों ही स्थिति में पीड़ित को अपने स्वास्थ का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। साथ ही क्योंकि टाइप 2 डायबिटीज आपकी जीवनशैली और खानपान की आदतों से प्रभावित होती है, ऐसे में इस स्थिति पर काबू पाने के लिए केवल हेल्दी खाना ही नहीं, बल्कि खाने को सही समय और सही क्रम में खाना भी बेहद जरूरी है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

इसे लेकर पोषण विशेषज्ञ सोनिया नारंग ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, ‘अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो आप अपने खाने के पैटर्न को ध्यान में रखकर भी काफी हद तक राहत पा सकते हैं।’ न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, आप किस क्रम में भोजन कर रहे हैं, केवल इस बात को ध्यान में रखकर ही आप शुगर स्पाइक को 70-73% तक कम कर सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं मधुमेह रोगियों के किस समय किस तरह का भोजन करना फायदेमंद हो सकता है-

डायबिटीज पेशेंट इस तरह रखें खाने का पैटर्न

फाइबर

सोनिया नारंग के मुताबिक, किसी भी समय भोजन करते हुए सबसे पहले फाइबर का सेवन करें। इसके लिए आप सब्जियों का सलाद खा सकते हैं। सब्जियों के सलाद में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। फाइबर से भरपूर चीजों को पचने में अधिक समय लगता है, ऐसे में इन्हें खाने से शुगर लेवल एकदम से बढ़ता नहीं है। साथ ही इस तरह का भोजन आपको लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास दिलाता है, जिससे आप बार-बार कुछ खाने से बच जाते हैं और इस तरह भी आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

प्रोटीन

फाइबर के बाद न्यूट्रिशनिस्ट प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन करने की सलाह देती हैं। प्रोटीन रक्त शर्करा यानी ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और HBA1c को कम करने में मदद कर सकता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाए बिना इंसुलिन प्रतिक्रिया को बढ़ाता है। ऐसे में आप सब्जियों के बाद प्रोटीन से भरपूर चीजों जैसे चिकन, टोफू, पनीर, स्प्राउट्स आदि खा सकते हैं।

कार्बोहाइड्रेट या स्टार्च

आखिर में पोषण विशेषज्ञ कार्बोहाइड्रेट या स्टार्च को शामिल करने की सलाह देती हैं। इससे अलग कई शोध के नतीजे भी बताते हैं कि अगर आप पहले प्रोटीन और उसके बाद कार्बोहाइड्रेट या स्टार्च खाते हैं, तो भोजन के बाद रक्त शर्करा का स्तर बेहतर होता है। उदाहरण के लिए, अगर आप चिकन, मछली, पनीर या दाल खाते हैं, तो इसके बाद आप शकरकंद, दलिया, इडली, मल्टीग्रेन रोटी आदि खा सकते हैं।

इन सब से अलग न्यूट्रिशनिस्ट भोजन के इस पैटर्न को अपनाने के बाद कम से कम 5 मिनट वॉक करने की सलाह देती हैं। सोनिया नारंग के मुताबिक, इस तरीके को अपनाने पर ना केवल आप अपने ब्लड शुगर लेवल को मैनेज कर पाएंगे, ब्लकि ये तरीका आपको अधिक समय तक पेट भरा हुआ होने का एहसास दिलाएगा, इससे आपकी फूड क्रेविंग्स कम होंगी, हार्मोनल संतुलन बेहतर बना रहेगा, प्रजनन क्षमता में सुधार होगा, स्किन हेल्दी बनी रहेगी, एजिंग के लक्षण धीमे होंगे, साथ ही बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।