खराब जीवन-शैली और खान-पान के कारण डायबिटीज का खतरा न केवल बुजुर्गों की बल्कि युवाओं की भी परेशानियां बनता जा रहा है। एक बार डायबिटीज हो जाए तो इसका कोई पक्का इलाज तो नहीं है, लेकिन चंद सावधानियां बरतते हुए इसे मैनेज जरूर किया जा सकता है। ब्लड शुगर को काबू में रखने से इससे जुड़ी अन्य परेशानियों से निपटने में भी मदद मिलती है। हालांकि तनाव, बुरा खान-पान और अस्वस्थ नींद ब्लड शुगर को बढ़ाने का काम भी कर सकते हैं।
मधुमेह और ब्लड शुगर के बारे में बात करते हुए ल्यूक कॉटिन्हो ने अपने लेख में कहा था, “मधुमेह एक जिंदगीभर की बीमारी है। खराब जीवन शैली और खान-पान के कारण व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज भी हो सकती है। हालांकि संतुलित भोजन और रहन-सहन में सुधार इसते प्रबंधित करने में मदद करता है।” जहां कुछ कदम ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं तो वहीं इंसान की कुछ गल्तियां इसे बढ़ा भी सकती हैं।
कम वसा और उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले आहार का सेवन
कई बार लोग वजन घटाने के चक्कर में वसा को अपने आहार से पूरी तरह से खत्म कर देते हैं। लेकिन वसा में स्वस्थ तत्व भी शामिल होते हैं, जो व्यक्ति को ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इस बारे में बात करते हुए कॉटिन्हो ने अपने लेख में लिखा, “खराब तरह का वसा और इसकी अधिकता इंसान को नुकसान पहुंचा सकती है। लेकिन नट्स, बीज और शुद्ध तेलों में मौजूद वसा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।”
लंबे अंतराल पर भोजन करना
मधुमेह के मरीजों को लंबे अंतराल पर भोजन नहीं करना चाहिए। लंबे अंतराल पर आहार लेने से व्यक्ति जरूरत से ज्यादा भोजन कर सकता है, जिससे व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर बढ़ सकता है। ऐसे में कई बार स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को संतुलित और कम आहार लेने की ही सलाह देते हैं।
कभी अधिक तो कभी कम फलों का सेवन करना
मधुमेह के मरीजों में यह धारणा बन चुकी है कि वे फलों का सेवन नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उसमें प्राकृतिक चीनी मौजूद होती है। हालांकि इसका पूरी तरह से परहेज न करते हुए संतुलित मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
खराब जीवनशैली से भी बढ़ सकता है ब्लड शुगर
खराब जीवनशैली से व्यक्ति को ब्लड शुगर के साथ-साथ वजन बढ़ने जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। लेकिन स्वस्थ जीवनशैली से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके लिए व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में व्यायाम को भी शामिल करना चाहिए। हालांकि शुरुआत में ज्यादा व्यायाम न करें, इससे ब्लड शुगर में अचानक गिरावट आ सकती है।
अनियंत्रित तनाव
तनाव हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। यह हार्मोंस को प्रभावित करने के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। अध्ययन के मुताबिक तनाव से ब्लड शुगर का स्तर बढञता है, साथ ही यह हृदय को भी प्रभावित करता है।
खराब नींद चक्र
नींद शरीर को आराम देने के साथ-साथ उसके अन्य कार्यों को भी नियंत्रण में लाती है। इस बारे में बात करते हुए कॉटिन्हो ने कहा था कि अधिकांश हार्मोनल बैलेंस तब होता है, जब आप सोते हैं। इंसुलिन भी एक प्रकार का हार्मोन ही है। ऐसे में मधुमेह से ग्रस्त लोगों का स्वस्थ नींद चक्र सुनिश्चित करना जरूरी है।