तनाव आजकल की जीवनशैली में आम समस्या की तरह है। इससे शरीर को होने वाले दुष्प्रभावों की लिस्ट बड़ी लंबी है। तनाव की वजह से जहां दिमाग संबंधी बीमारी, अनिद्रा, बालों का झड़ना आदि बीमारियों का खतरा रहता है, वहीं तनाव या डिप्रेशन की वजह से आपके दांतों पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। तनाव में अक्सर लोग दांत किटकिटाने या चबाने जैसी हरकतें करते पाए जाते हैं। यह तनाव कै दौरान आम है। नींद में किटकिटाना, जबड़ों, सिर, कंधों और गर्दन में दर्द, तनाव के दौरान होने वाली ये समस्याएं दांतो की एक गंभीर बीमारी ब्रूक्सिस्म के लक्षण हैं।
तनाव के दौरान ब्रूक्सिस्म की समस्या का अक्सर मरीज को पता नहीं चल पाता। इसका कारण यह है कि इसका प्रभाव अक्सर नींद में ही देखा जाता है। नींद में दांत किटकिटाने की वजह से रोगी को इस बात का पता नहीं चलता और एक दिन जब दांत टूटना शुरू हो जाते हैं, या फिर इस वजह से चेहरे पर सूजन आ जाती है, तब लोगों को इसके बारे में पता चलता है। दांतों के किटकिटाने से दांतो के बाहरी परत के निकलने का खतरा रहता है। ऐसी अवस्था में दांत से लेकर कानों तक दर्द उठता है। कभी-कभी सिरदर्द की भी शिकायत होती है।
ब्रूक्सिस्म से बचने के लिए जरूरी है कि आप तनावमुक्त रहने का प्रयास करें। तनाव कम करने के लिए आप ध्यान, पसंदीदा गीत सुनने, अकेले बाहर टहलने आदि का सहारा ले सकते हैं। गुस्सा निराशा और डिप्रेशन की वजह से ब्रूक्सिस्म का खतरा बढ़ता है। नाइट गार्ड आक्लूमजल स्प्लिंट के प्रयोग से रात में दांतो का किटकिटाना बंद किया जा सकता है। यह एक प्लास्टिक का यंत्र है जिसे दांतों में लगाया जाता है। इसे आप किसी भी दंत चिकित्सक की सहायता से अपने दांतो पर लगवा सकते हैं।