Dengue: देश के कई राज्यों में इस समय डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। डेंगू संक्रमितों में कई बार प्लेटलेट्स इतना ज्यादा गिर जाता है कि स्थित गंभीर हो जाती है। हालांकि डॉक्टर के परामर्श और घरेलू उपचार से कई बार मरीज बिना अस्पाल में एडमिट हुए घर पर ही ठीक हो जाते हैं। अगर बच्चों में डेगू के लक्षण दिखाए देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
बाल रोग चिकित्सकों के अनुसार बच्चों में भी डेंगू के कई मामले देखने को मिल रहे हैं। सामान्य डेंगू बुखार, शरीर में दर्द, थकान, सुस्ती और उल्टी और दस्त का कारण बनता है। हालांकि, अगर समय रहते डेंगू का सही इलाज नहीं किया गया तो गंभीर स्थिति हो सकती है।
ऐसे मामलों में डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू रक्तस्रावी बुखार हो सकता है। यदि डेंगू हल्का है, तो यह 3 से 7 दिनों में ठीक हो सकता है। ज्यादातर मामलों में डेंगू संक्रमित घर पर ही दवा से ठीक हो जाते हैं। डेंगू होने पर शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है। अगर शरीर में प्लेटलेट्स 20 हजार से नीचे आ जाएं तो स्थिति खतरनाक हो जाती है।
ये हैं गंभीर लक्षण
डेंगू के गंभीर लक्षण में संक्रमित मरीज की त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। यह रक्तस्राव का भी बन सकता है और हृदय, फेफड़े और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है। कई मामलों में रोगी का रक्तचाप भी बहुत कम हो जाता है। इससे डेंगू शॉक सिंड्रोम हो सकता है।
जिससे मरीज की मौत की आशंका बनी रहती है। यदि कोई व्यक्ति पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित है और उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो डेंगू के ये गंभीर लक्षण उस व्यक्ति के लिए घातक हो सकते हैं।
जिन लोगों को पहले डेंगू हुआ है, उनके दोबारा संक्रमित होने का खतरा होता है। पिछले साल राजधानी दिल्ली में डेंगू के कई मरीजों में डी2 स्ट्रेन का पता चला था, जो बेहद खतरनाक साबित हुआ था।
डेंगू बचाव के उपाय
– बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं।
– घर और आसपास के इलाकों में साफ-सफाई रखनी चाहिए और कहीं भी पानी जमा नहीं होने देना चाहिए।
– मच्छरदानी का प्रयोग रात को सोते समय करना चाहिए।
– छोटे बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
– अगर डेंगू के कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।