Corona Recovery: वर्तमान समय में कोरोना से बचाव लोगों का अहम मकसद बन चुका है। हर कोई चाहता है कि उनकी इम्युनिटी मजबूत बनी रहे। हाल के कुछ दिनों में ब्लैक, वाइट और येलो फंगस जैसी तमाम नई परेशानियां देखने को मिल रही हैं। वहीं, कोरोना से रिकवरी के बाद दिल का दौरा और ब्रेन स्ट्रोक के कारण भी लोगों की जान जा रही है। ऐसे में वायरस की चपेट में आने के खतरे के अलावा अब रिकवरी के बाद हेल्दी रहना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। लॉकडाउन के कारण संक्रमितों की संख्या में कमी तो आई है। लेकिन बाबा रामदेव बता रहे हैं कि कैसे कोरोना से उबर रहे या उबर चुके मरीज अपने दिल का ख्याल रख सकते हैं।
क्यों होता है खतरा: कई मरीजों में ऐसा देखा जा रहा है कि कोरोना से उबर कर अस्पताल से घर आने के सप्ताह-दस दिन बाद उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हो जा रही है। एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित जो लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं उनमें 50 फीसदी मरीजों को दिल की बीमारी हो रही है। वहीं, कुछ लोगों को अगले 3 महीने के भीतर हार्ट संबंधी दिक्कतें हो रही हैं।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस का संक्रमण खून को गाढ़ा कर सकता है जिससे शरीर में ब्लड क्लॉटिंग होने का खतरा बना रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि डी-डाइमर प्रोटीन के बढ़ने से भी खून का थक्का जमने लगता है जिससे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और चेस्ट कंजेशन की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं।
वहीं, दिल को काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है जिसकी पूर्ति फेफड़ों के द्वारा होती है। संक्रमण के कारण फेफड़े प्रभावित होते हैं और उसकी क्षमता घट जाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन लेवल हो जाता है, इस वजह से हृदय की मांसपेशियों को खून पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे हार्ट बीट बीट कम हो जाती है और ब्लड भी कम मात्रा में पंप हो पाता है और आर्टरीज में सूजन हो जाती है।
दिल का खास ख्याल रखें: बाबा रामदेव बताते हैं कि हृदय बस्सी से लोगों को आराम मिलेगा, इसमें अर्जुन की छाल और घी से हार्ट की सिंकाई होती है। इस प्रक्रिया से रेगुलर हार्ट बीट रहती है और दिल की समस्याएं दूर हो जाती हैं। वहीं, बाबा रामदेव के मुताबिक कुछ योगासन भी दिल को मजबूत रखने में सहायक होते हैं। उनके अनुसार ताड़ासन और त्रिकोणासन हल्के व्यायाम हैं जिन्हें कोरोना से उबर रहे मरीज कर सकते हैं।
तेज हृदय गति और पल्स रेट को संतुलित रखने के लिए योगाभ्यास के साथ ही लंबी-लंबी सांस लें। साथ ही, हाथों को कंधे के पास ले जाकर आगे-पीछे करने से हार्ट बीट रेगुलेट होती है। अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा कारगर हो सकता है। खाली पेट प्याज या लहसुन खाएं या लौकी का जूस भी फायदेमंद होगा।
सूक्ष्म व्यायाम करें, तिर्यक ताड़ासन, कपालभाति, भस्त्रिका और अनुलोम-विलोम करें। इससे हार्ट बीट बेहतर होगी, ब्लड प्रेशर संतुलित रहेगा और कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल होगा। उनके अनुसार मात्र 10 सेकेंड के अंदर ये प्राणायाम हार्ट रेट को बेहतर करेंगे। इसके अलावा, भ्रामरी करने से भी लाभ होगा। बाबा रामदेव हार्ट पेशेंट को शीर्षासन और सर्वांगासन न करने की सलाह देते हैं।