पूरे भारत में ओमाइक्रोन के मामले कम होने के हफ्तों बाद कोरोनावायरस एक बार फिर देश भर में अपने पैर पसारने लगा है। दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 325 नए मामले सामने आने के बाद से संक्रमण दर 2.39 प्रतिशत तक पहुंच गई। हालांकि, चिंता का प्रमुख कारण दिल्ली एनसीआर और उसके आसपास के स्कूलों में मामलों की बढ़ती संख्या है। दरअसल दिल्ली एनसीआर में स्कूलों में तेजी से बच्चे कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। इसको लेकर बच्चों के पैरेंट्स में डर बैठ गया है, आइए जानते हैं कि घर और स्कूल में बच्चों को इससे कैसे बचाया जाए-
बता दें कि कोरोना के बढ़ते आंकड़ों में अभी तक किसी की मौत की कोई खबर नहीं है। वहीं भारत में कोरोना मामलों में अचानक वृद्धि ने कुछ स्कूलों को कक्षाओं और परीक्षाओं के ऑनलाइन मोड पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया है, जबकि कुछ स्कूल अभी भी ऑफलाइन मोड में ही कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं।
महामारी के कारण दिल्ली और उसके आसपास के स्कूल दो साल के अंतराल के बाद खुले हैं। बता दें कि कोविड -19 मामलों में आखिरी उछाल दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में देखा गया था जब ओमाइक्रोन वैरिएंट ने दस्तक दी थी।
कोरोना के नए मामले सामने आने पर माता-पिता और शिक्षक बच्चों को स्कूल और घर दोनों जगह बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं। नोएडा के Neo हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सागर दीप सिंह बावा ने जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत में बताया, “महामारी की तीसरी लहर के दौरान बच्चों में पोस्ट-वायरल इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के मामले नहीं देखे गए, जो एक बड़ी राहत थी। लेकिन अगर आपका बच्चा 12 साल की उम्र से बड़ा है, तो उसे हर साल फ्लू वैक्सीन ज़रूर लगवाएं। साथ ही कोविड वैक्सीन के लिए योग्य है, तो वह भी लगवाएं।
स्कूलों में करें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन: डॉक्टर का कहना है कि देश भर में स्कूल खुलने के साथ, कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बच्चों को उचित दूरी पर बैठाया जाए, खासकर उन बच्चों को जिनका अभी टीकाकरण बाकी है। चूंकि बच्चों को हमेशा मास्क नहीं पहनाया जा सकता है इसलिए कोरोना वायरस को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वहीं क्लासरूम में आने से पहले हाथों को सैनेटाइज कराना न भूलें।
वहीं डॉक्टर सागरदीप के मुताबिक स्कूलों को बच्चों को खेल के मैदानों में ले जाने से बचना चाहिए; क्योंकि मैदान वायरस फैलाने के लिए एक बेहतरीन जगह हो सकता हैं। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि मैदान में खेलते व्यक्त बच्चे एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं।
मास्क, सैनिटाइजिंग का पालन करना चाहिए: डॉ. सागर दीप सिंह ने कहा कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि न केवल छात्र बल्कि उनके स्वयं के कर्मचारी हर समय मास्क लगाकर रहें, भले ही सरकार को वापस से राजधानी सहित आस-पास केअन्य राज्यों में मास्क लगाना वापस से अनिवार्य कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, “टीकाकरण के अलावा, मास्क और सैनिटाइज़र हमारे पास कोविड -19 के खिलाफ सबसे बड़े हथियार हैं, जो अब तक कोरोना के खिलाफ सबसे अधिक प्रभावकारी हैं।”
जंकफूड से दूर रखें: डॉक्टर सागरदीप ने बताया कि बच्चों को खुली जगहों से जंक फूड खाने से बचना चाहिए, चूंकि खुली जगह संभावित रूप से कोरोनावायरस फैलाने का आधार हो सकता है। मां-बाप का फोकस बच्चे को अच्छा पोषण उपलब्ध करवाने में होना चाहिए ताकि बच्चे की इम्यूनिटी बढ़े और कोविड ही नहीं बल्कि दूसरे मौसमी संक्रमण से भी बचा रहे। इसलिए पोषण से भरपूर खाना, रोज़ाना एक्सरसाइज़ और स्वच्छता का ध्यान रखना ज़रूरी है।