Coronavirus Pandemic: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कुल पॉजिटिव केसेज की संख्या 11 हजार से अधिक हो गई है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा भी 350 पार कर गया है। इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉक डाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन की वजह से कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिली है।

पीएम ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकारों के अलावा समाज के तमाम वर्ग से इसको बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद लॉक डाउन को 3 मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच इस वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की खबरें चल रही हैं, जिसमें से एक खबर यह भी है कि एसी चलाने से भी कोरोना वायरस फैल सकता है आइए हम आपको बताते हैं कि इस खबर में कितनी सच्चाई है…

क्या AC से फैल सकता है वायरस? : एक्सपर्ट्स के मुताबिक खासकर ऑफिसेज, हॉस्पिटल या ऐसी जगहों पर जहां सेंट्रलाइज्ड एसी लगा हो, उससे कोरोना वायरस फैलने का ज्यादा खतरा है। जबकि सिंगल यूनिट एसी- जैसे विंडो एसी या कार एसी में इस तरह का खतरा नहीं है। ‘आजतक’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि एसी चलाने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा तभी है जब क्रॉस वेंटिलेशन हो। यदि आपके घर में विंडो एसी लगी है तो उस कमरे की हवा उसी कमरे तक रहेगी, और इससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा नहीं है।

सेंट्रलाइज्ड एसी से क्यों खतरा है? : फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टर डी के गुप्ता का कहना है कि सेंट्रलाइज्ड एसी से कोरोना वायरस का संक्रमण एक कमरे से दूसरे कमरे तक भी पहुंच सकता है। ऐसे में हेल्थकेयर और दूसरे पब्लिक सुविधाओं से जुड़ी जगहों पर सेंट्रलाइज्ड एसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, तापमान में कमी भी इस वायरस को बढ़ने का मौका देती है, माना जा रहा है इसकी ग्रोथ के लिए 25 से 35 डिर्गी सेल्सियस आदर्श तापमान है। इसलिए गर्मी में जितना हो सके एसी से दूर रहने की कोशिश करें। डॉक्टर के मुताबिक 40 डिग्री से अधिक तापमान इस वायरस की ग्रोथ में बाधा बनेगा, ऐसे में गर्मी आने के साथ हम उम्मीद कर सकते हैं कि कोरोना वायरस का असर कम होता जाएगा।