Coronavirus Research: देश में कोरोना पॉजिटिव मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5 लाख से अधिक हो चुकी है। इस खतरनाक वायरस को लगभग 2 लाख 95 हजार 881 लोग मात देने में कामयाब हुए हैं जबकि 15 हजार 685 लोगों की जान जा चुकी है। अब तक इस वायरस का पुख्ता इलाज सामने नहीं आ पाया है। इस वायरस को लेकर हुए अध्ययन के अनुसार पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक है। इस बीच एक शोध में ये खुलासा हुआ है कि हाइपरटेंशन यानि कि उच्च रक्तचाप के मरीजों को ये वायरस दोबारा अपना शिकार बना सकता है-

शोध में ये बात आई सामने: चीन के ह्वाजहॉन्ग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में हुए इस शोध में करीब 938 कोरोना संक्रमितों को शामिल किया गया था। शोध के अनुसार इनमें से केवल 6.8 प्रतिशत लोगों को ही दोबारा इस वायरस से इंफेक्टेड पाया गया। इसके मुताबिक 938 लोगों में से केवल 58 लोगों में ही इस वायरस के पॉजिटिव RNA मिले। शोधकर्ताओं के अनुसार 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में हाइपरटेंशन, हृदय रोग से पीड़ित होने पर पुनः संक्रमण के मामले अधिक देखने को मिल सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान: शोधकर्ताओं के अनुसार डिस्चार्च के समय भी कुछ मरीजों में वायरस के अंश रह जाते हैं जो शरीर में खुद को बढ़ाने लगते हैं। इस स्थिति को चिकित्सीय भाषा में ‘बाउंसिंग बैक’ कहते हैं। किसी भी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में हर वक्त सक्षम न हो। ऐसे में जरा-सा भी इम्यूनिटी के कमजोर पड़ने पर शरीर में मौजूद वायरस दोबारा हमला कर देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि मरीज के रिपोर्ट्स नेगेटिव आने के बावजूद उसका 1-2 बार और टेस्ट किया जाए।

बीपी के मरीज ऐसे रखें अपना ख्याल: खराब जीवन-शैली और अनहेल्दी खानपान के कारण लोगों के रक्तचाप का स्तर बढ़ जाता है। इसके अलावा, कार्यक्षेत्र व निजी जीवन में होने वाला तनाव भी हाई बीपी का बहुत बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में जरूरी है कि लोग स्ट्रेस लेने से बचें और अपने डेली रूटीन की ओर ध्यान दें। डॉक्टर्स द्वारा बताई गई दवाइयों को समय पर लेने के साथ ही खानपान का ध्यान रखना और व्यायाम करना भी जरूरी है।