Foods to boost gut bacteria: हमारी आंतों में लाखों-करोड़ों गुड बैक्टीरिया रहते हैं, जो पाचन और ओवर ऑल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं। प्रीबायोटिक फूड्स इन गुड बैक्टीरिया की गिज़ा (food/fuel) होते हैं। जब हम प्रीबायोटिक फाइबर खाते हैं, तो ये आंतों में जाकर अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते और मजबूत बनाते हैं। हमारी आंतों को इन फूड्स की जरूर कुछ खास कारणों की वजह से होती है जैसे पाचन तंत्र को मजबूत करने, कब्ज, गैस और ब्लोटिंग कंट्रोल करने, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने के लिए और इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए और संक्रमणों से बचाव करने के लिए होती है। ये फूड आंतों की सूजन कम करते हैं और ब्लड शुगर और वजन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
verywell health की खबर के मुताबिक अगर आप अक्सर पेट फूलने, कब्ज या अपच से परेशान रहते हैं तो इन 5 प्रीबायोटिक फूड्स को डाइट में शामिल करें। ये न सिर्फ आपकी आंतों में अरबों की संख्या में गुड बैक्टीरिया बढ़ाते हैं बल्कि पाचन तंत्र को अंदर से मजबूत बनाते हैं। आइए जानते हैं कि आंतों को हेल्दी रखने के लिए कौन-कौन से प्रीबायोटिक फूड्स असरदार साबित होते हैं।
डैंडेलियन ग्रीन (Dandelion Greens)
डैंडेलियन के पत्ते जिसे हिन्दी में सिंहपर्णी के पत्तों कहा जाता है। इस पौधे के पत्ते, जड़ें और फूल खाने योग्य होते हैं और इनमें इनुलिन नामक घुलनशील फाइबर पाया जाता है। यह फाइबर पाचन को धीमा करता है और शरीर में एक जेल जैसा पदार्थ बनाकर शुगर लेवल को कंट्रोल रखता है। इनुलिन टाइप-2 डायबिटीज़, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज, और कुछ कैंसर से बचाव में मदद करता है। सलाद में इसके पत्तों को शामिल करना बेहद फायदेमंद होता है।
जेरूसलम आर्टिचोक (Jerusalem Artichoke)
यह एक जड़ वाली सब्जी है जिसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर पाए जाते हैं। इनुलिन के कारण यह प्रीबायोटिक का बेहतरीन स्रोत मानी जाती है। जेरूसलम आर्टिचोक खाने से पाचन सुधरता है, मल त्याग आसान होता है और आंत में लाखों गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है। इसे सूप या सलाद में शामिल किया जा सकता है।
लहसुन (Garlic) का करें सेवन
लहसुन एक शक्तिशाली नेचुरल प्रीबायोटिक है जो Bifidobacterium जैसे गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है और हानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है। लहसुन में मौजूद यौगिक शरीर में शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (SCFAs) बनाने में मदद करते हैं जो इन्फ्लेमेशन घटाते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। इसे कच्चा या हल्का पकाकर खाया जा सकता है।
लीक (Leeks)
प्याज की प्रजाति में आने वाला लीक भी इनुलिन से भरपूर होता है। इन्यूलिन एक प्रीबायोटिक फाइबर है, जो आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया का भोजन बनता है। यह न सिर्फ पाचन में मदद करता है बल्कि इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन कम करते हैं। लीक खाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है। इसे सूप या स्टिर-फ्राई में इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्याज (Onions) खाएं
प्याज में मौजूद प्रीबायोटिक फाइबर और इनुलिन आंत में अच्छे बैक्टीरिया की वृद्धि करते हैं और SCFAs (शॉर्ट-चेन फैटी एसिड) के उत्पादन में मदद करते हैं, जो पाचन तंत्र की परत को मजबूत बनाते हैं। प्याज को कच्चा सलाद में, बेक या एयर-फ्राई रूप में खाया जा सकता है। ध्यान दें कि डीप-फ्राई या क्रीमी प्याज डिशेज़ में अतिरिक्त कैलोरी होती है।
केला (Bananas) खाएं
केले में मौजूद इनुलिन फाइबर इसे एक हल्का और फायदेमंद प्रीबायोटिक बनाता है। थोड़ा कच्चा यानी कम पका केला लो-फोडमैप डाइट के लिए आदर्श है, जो IBS (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) से पीड़ित लोगों के लिए अच्छा विकल्प है। यह पाचन को आसान बनाता है और आंत की सेहत को दुरुस्त करता है।
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