कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त पदार्थ (लिपिड) होता है जो हमारे शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है। यह हमारी बॉडी के लिए बहुत जरूरी है। ये हॉर्मोन बनाने में मदद करता है, कोशिका की झिल्ली को बनाता है और विटामिन D के उत्पादन में मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक खराब कोलेस्ट्रॉल जिसे LDL cholesterol कहा जाता है और दूसरा HDL कोलेस्ट्रॉल होता है जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। ब्लड में जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ जाता है, तो यह धमनियों (arteries) में जमने लगता है जिससे दिल की बीमारियों, ब्रेन स्ट्रोक और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है।
भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र ने बताया कोलेस्ट्रॉल आजकल एक साइलेंट किलर बन चुका है, जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पेरिफेरल आर्टरी डिज़ीज़ जैसी कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। कोलेस्ट्रॉल बॉडी के लिए खराब नहीं है क्योंकि ये बॉडी में कई जरूरी काम करता है परेशानी तब होती है जब बॉडी में LDL cholesterol ज्यादा होने लगता है और गुड कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए दवा मौजूद है लेकिन कुछ हर्ब्स भी हैं जो आसानी से खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकती हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे हर्ब्स हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं।
मोरिंगा के पत्तों का करें सेवन
मोरिंगा में फाइटोस्टेरॉल्स (Phytosterols) और फ्लेवोनॉयड्स पाया जाता हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकता हैं। 2001 में की गई रिसर्च के मुताबिक मोरिंगा के पत्ते LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं जिससे दिल के रोगों का खतरा कम होता है। मोरिंगा के पत्तों में विटामिन C और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो HDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद करते हैं। मोरिंगा के सेवन से लिपिड प्रोफाइल में सुधार होता है यानी ट्राइग्लिसराइड्स घटता हैं और HDL बढ़ता है। एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर मोरिंगा में क्वेरसेटिन और क्लोरोजेनिक एसिड जैसे यौगिक होते हैं जो धमनियों में सूजन को कम करते हैं। हाई फाइबर से भरपूर इन पत्तों का सेवन आप खाने से पहले एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच मोरिंगा लीव्स के पत्ते मिलाएं और खाना खाने से एक घंटा पहले इसका सेवन करें।
धनिया के पत्तों का करें सेवन
धनिया के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं। धनिया के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स खासतौर पर क्वेरसेटिन और विटामिन C पाया जाता है जो LDL कोलेस्ट्रॉल को ऑक्सिडाइज होने से रोकता है। इससे धमनियों में प्लाक बनने की संभावना कम होती है और दिल हेल्दी रहता है। धनिया लिवर को डिटॉक्स करता है, जिससे फैट मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। यह प्रक्रिया कोलेस्ट्रॉल के निर्माण और स्राव को संतुलित करती है। धनिया बीज और पत्तों का सेवन ट्राइग्लिसराइड्स और LDL को कम करता है, और HDL को बढ़ाता है।
तुलसी के पत्तों का करें सेवन
तुलसी के पत्तों को कई गुणों के लिए जाना जाता है। इन पत्तों में कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के गुण भी मौजूद होते हैं। तुलसी के पत्तों में यूजेनॉल (Eugenol) नामक यौगिक होता है जो LDL को ऑक्सिडाइज होने से रोकता है।ऑक्सीडाइज्ड LDL दिल की धमनियों में प्लाक बनाता है। तुलसी के पत्ते इसे रोक कर धमनियों को साफ रखने में मदद करते हैं। ये पत्ते गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे फ्लेवोनॉयड्स और टैनिन HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं जो LDL कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करते हैं। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए रात में सोने से पहले एक गिलास पानी में तुलसी के पत्ते डालें और उसे उबालकर उसका सेवन करें।
लौकी का करें सेवन
लौकी की स्मूदी बनाकर सुबह खाली पेट उसका सेवन करें कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहेगा। लौकी में घुलनशील फाइबर होता है, जो शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को सोख कर उसे बाहर निकाल देता है। यह आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करता है जिससे LDL कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है।
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