पान खाने का चलन भारत में सदियों पुराना है। सदियों से खाने के बाद पान खाने को भारत की शान-ओ-शौकत का हिस्सा माना जाता रहा है। पान एक ऐसा पत्ता है जिसका धार्मिक महत्व भी है। पान का पत्ता पूजा में इस्तेमाल होता है। भगवान शिव को पान का पत्ता अर्पित करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पान के पत्ते का इस्तेमाल चूना-कत्था और सुपारी के साथ किया जाता है जिससे पान का स्वाद बढ़ जाता है। खाने के बाद पान खाने से बॉडी से गंदगी निकलती है और बॉडी की शुद्धि होती है। खाने को पचाने में पान का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। इसका सेवन करने से दांत और मसूड़े साफ होते हैं।

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रीगुरु. बालाजी तांबे ने बताया कि खाने के बाद पान चबाना सेहत के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। एक्सपर्ट के मुताबिक पान का पत्ता खाने के बाद खाने से पाचन दुरुस्त रहता है और ओरल हेल्थ भी ठीक रहती है। इसका सेवन करने से वात और कफ दोष का इलाज होता है। पान के पत्ते में एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जो दांतों और मुंह में जमा बैक्टीरिया से निजात दिलाते हैं। खाने के बाद इसे खाने से दांतों में फंसा खाना बाहर निकल जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि खाने के बाद पान का पत्ता खाने से सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।

खाना पचाने की दवा है ये पत्ता

अगर आपको खाना खाने के बाद गैस, एसिडिटी और अपच की शिकायत होती है तो आप इस पत्ते को चबा लीजिए। ये पत्ता मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और खाने को पचाने में मदद करता है। पान का पत्ता मुंह में लार ग्रंथी की एक्टिवनेस में इंप्रूवमेंट करता है। जब खाने के बाद इस पत्ते को खाया जाता है तो इसमें मुंह की ज्यादा से ज्यादा लार मिल जाती है। लार में पाएं जाने वाले एंजाइन फूड्स को तोड़ते हैं और खाना पचाने में मदद करते हैं।  

गले की बीमारियां होती हैं दूर

पान का पत्ता चबाने से गले से जुड़ी बीमारियों जैसे सूजन और दर्द से राहत मिलती है। इसका सेवन करने से गले को दूर करने में मदद मिलती है।  पुराने जमाने में गायक और कव्वाल अपनी अच्छी परफॉर्मेंस के लिए पान का पत्ता खाकर ही मेहफिल सजाते थे। इसका सेवन करने से आवाज ठीक होती है और गला साफ होता है।

सर्दी जुकाम का होता है इलाज

पान का पत्ते गले के कफ का इलाज करता है। इसका सेवन करने से गले की सर्दी और जुकाम दूर होता है। पान के पत्ते में मुलेठी मिलाकर खा ली जाए तो सर्दी-जुकाम और कफ का असरदार इलाज होता है। आप पान का सेवन खाली पेट नहीं करें बल्कि खाने के बाद करें तो आपको ये ज्यादा फायदा पहुंचाएगा।

किस तरह करें पान के पत्ते का सेवन

पान के पत्ते का सेवन करने से पहले आप पान को धो लीजिए और उसके बाद उसकी डंडी को काट लीजिए। पान की डंडी में जहर होता है इसलिए उसे हटाना बेहद जरूरी होता है। पान के पत्ते पर हल्का सा चूने की लेयर लगाएं, फिर एक लेयर कत्थे की लगाएं। इस पान में सुपारी के एक या दो दाने मिलाएं और उसमें थोड़ी सी सौंफ भी मिलाएं। पान का स्वाद बढ़ाने के लिए आप उसमें गुलकंद और मुलेठी भी मिलाएं। इस तरह आपका पान पूरी तरह औषधीय गुणों से भर जाएगा। ये पान पाचन को ठीक रखेगा और आपकी बॉडी को कई तरह के फायदे भी पहुंचाएंगा।