खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते मोटापा सबसे आम समस्या बन चुका है। मोटापा न सिर्फ पर्सनैलिटी खराब करता है, बल्कि कई बीमारियों का कारण भी बनता है। हालांकि, वजन कम करने के लिए लोग कई प्रकार के नुस्खे और उपाय अपनाते हैं, लेकिन फिर कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर, आप भी मोटापे की समस्या से परेशान हैं और वजन कम करना चाहते हैं तो खानपान से लेकर कुछ चीजों में बदलाव करना लाभकारी हो सकता है। आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया कि बढ़ते वजन को कम करना चाहते हैं तो गेहूं की रोटी खाना बंद कर दें और सुबह-शाम दो-दो बाजरे की रोटी खाना शुरू कर दें।

डॉ. सलीम जैदी के मुताबिक, वजन घटाने की कोशिश में सबसे बड़ा सवाल यही होता है। क्या खाएं और क्या छोड़ें? अधिकतर लोग गेहूं की रोटी को हेल्दी मानकर खाते रहते हैं, लेकिन अगर आपको पेट की चर्बी कम करनी है, तो गेहूं को थोड़ा किनारे रखकर बाजरे की रोटी को अपनाना होगा। बाजरा यानी पर्ल मिलेट एक लो-ग्लाइसेमिक अनाज है। बाजरा हाई फाइबर और ग्लूटेन-फ्री अनाज है, जो सिर्फ पेट की चर्बी को कम नहीं करता, बल्कि शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करके पूरे वजन घटाने की प्रक्रिया को स्पीड देता है।

वजन कंट्रोल करने में असरदार

एक्सपर्ट के मुताबिक, बाजरा एक ऐसा अनाज है जिसमें गेहूं और चावल से ज्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं। बाजरा न सिर्फ बॉडी को एनर्जी देता है, बल्कि आपकी पूरी बॉडी को पोषण भी देता है। रोजाना दो सुबह और दो रोटी दोपहर में बाजरे की खा लें तो शरीर को भरपूर मात्रा में ताकत मिलेगी। ये रोटी फाइबर से भरपूर होती है, जिसे खाने के बाद पेट फुल हो जाता है और दूसरे फूड खाने की क्रेविंग नहीं होती। बाजरे की रोटी खाने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।

बाजरे की रोटी के फायदे

आमतौर पर लोग गेहूं की रोटी खाना अधिक पसंद करते हैं। क्योंकि गेहूं में ग्लूटेन की मात्रा होती है, जो कुछ लोगों में सूजन और गैस पैदा करता है। इसके चलते ही पेट फूलने लगता है। वहीं, बाजरा ग्लूटेन-फ्री होता है, जिसके चलते पेट अंदर रखने में मदद होती है।

मेटाबॉलिज्म तेज

बाजरे में मेटाबॉलिज्म को तेज करने का काम करता है। बाजरे में मौजूद मैग्नीशियम, आयरन और फास्फोरस शरीर के फैट बर्निंग प्रोसेस को एक्टिव करते हैं, जिससे फैट जमा नहीं हो पाता।

शुगर कंट्रोल में मददगार

बाजरा लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स अनाज है। ऐसे में यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होता और शरीर फैट स्टोर करने की बजाय उसे एनर्जी में बदलता है।

इसके अलावा हड्डियों की मजबूती के लिए खीरे के बीज का सेवन भी किया जा सकता है। खीरे के बीज ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी हड्डियों की बीमारियों को रोकने के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।