खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। कोलन कैंसर युवाओं में तेजी से पनपने वाला कैंसर है जो देश और दुनिया में युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल वंडर डेटाबेस के डेटा के मुताबिक 1999 से 2020 तक 10 से 44 साल के लोगों में इस कैंसर की दर में बढ़ोतरी हुई है। कुछ समय पहले तक ये बीमारी बुजुर्गों को प्रभावित करती थी, लेकिन अब युवा भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक बीमारी का डायग्नोज किए गए हर 5 मामलों में से एक मरीज की उम्र 55 साल से कम होती है। हालांकि इस बीमारी के होने का सटीक कारण अभी पता नहीं चला है लेकिन जर्नल साइंस में प्रकाशित एक न्यूज पेपर में पर्यावरण और अनुवांशिक कारणों को जिम्मेदार माना गया है।
कोलन कैंसर यानी गैस्ट्रिक कैंसर पेट की अंदरूनी लेयर में शुरू होता हैं और धीरे-धीरे ये बढ़कर पेट में गहराई तक बढ़ने लगता है। कोलन कैंसर बड़ी आंत (कोलन) में शुरू होता है। ये कैंसर बड़ी आंत की वॉल के सबसे पास होता है। बॉडी में इस कैंसर की शुरुआत होते ही इसके लक्षण दिखने लगते हैं। अगर समय रहते इसकी पहचान कर ली जाए तो आसानी से इस बड़ी मुसीबत से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि कोलन कैंसर के लक्षण कौन-कौन से है?
युवाओं में क्यों तेजी से बढ़ रहा है कोलन कैंसर?
- इस बीमारी के पनपने के लिए कुछ कारणों को अहम माना गया है जिसमें फैमिली हिस्ट्री बेहद मायने रखती है। फैमिली में किसी को ये बीमारी है तो ये परिवार के सदस्यों को हो सकती है।
- अमेरिकी कैंसर सोसायटी में वरिष्ठ वैज्ञानिक निदेशक और प्रमुख लेखक रेबेका सीगल के मुताबिक केवल 5% कोलन कैंसर का कारण वेट अधिक होना है। जिन लोगों का वजन ज्यादा है उन लोगों को इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है।
- डाइट में रेड मीट,प्रोसेस फूड,शराब का अधिक सेवन, स्वीटनर का ज्यादा सेवन करने से भी इस बीमारी का खतरा अधिक रहता है।
कोलन कैंसर के लक्षणों की पहचान
- धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल दिल्ली में सीनियर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नीरज गोयल ने बताया कि वजन का तेजी से कम होने कोलन कैंसर का सबसे बड़ा लक्षण हैं। अगर आप अपना वजन बिना किसी बीमारी और परेशानी के कम होते देख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और बॉडी जो इशारा कर रही है उन लक्षणों को समझें।
- बाउल मूवमेंट में बदलाव होना भी कोलन कैंसर के लक्षण हैं। बाउल मूवमेंट में बदलाव से मतलब है कि कब्ज का होना। कब्ज के साथ पेट में दर्द होने जैसी परेशानी होना भी शामिल है।
- मल के साथ खून आना इस बीमारी का ही लक्षण है। कई बार मरीज को सिर्फ स्टूल और म्यूकस ही पास होता है। अगर आप मल में इस तरह का कुछ बदलाव देखते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- भूख का कम होना भी इस बीमारी के लक्षण है। अगर आप कुछ नहीं खा रहे है फिर भी आपको भूख नहीं लग रही है तो ये कोलन कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
- बॉडी में खून की कमी होना यानी एनीमिया भी इस बीमारी के संकेत हैं। ये लक्षण कोलन कैंसर का संकेत हो सकते हैं। एनीमिया के लक्षणों में थकान, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानी हो सकती है।
इस बीमारी का डायग्नोज कैसे करें
इस बीमारी का डायग्नोज कोलोनोस्कोपी और एंडोस्कोपी के जरिए किया जाता है।