बदलते मौसम के कारण बड़े तो क्या बच्चे भी सर्दी, जुकाम और खांसी से परेशान हैं। वैसे तो बच्चे किसी न किसी रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ पैदा होते हैं। लेकिन उनकी रक्षा प्रणाली को पूरी तरह तैयार होने में वक्त लगता है। ऐसे में यह बच्चों को वायरल संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है, जो सर्दी -जुकाम का कारण बनता है।

नवजात शिशुओं में सामान्य सर्दी खतरनाक नहीं होती है, लेकिन वे जल्दी से निमोनिया या क्रुप जैसी स्थितियों में भी परिवर्तित हो सकती हैं। इन दिनों बदलते मौसम की वजह से कई बच्चों में सर्दी जुकाम के लक्षण देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार 2 साल से कम उम्र के बच्चों को जल्दी सर्दी- जुकाम की दवाओं की सिफारिश नहीं की जाती है, ऐसे में कुछ प्राकृतिक उपचार आपके बच्चे के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

हल्दी वाला दूध पिलाएं: बच्चों को सर्दी-ज़ुकाम से निजात दिलाने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पिलाना चाहिए। इससे बच्चों को राहत मिलेगी। सबसे पहले आप दूध में हल्दी डालकर उसे उबाल लें। गुनगुना रह जाने पर अपने बच्चे को पिलाएं। अगर इसके लिए कच्ची हल्दी का इस्तेमाल करेंगे और भी बेहतर होगा।

सेलाइन ड्रॉप्स: आपके बच्चे की भरी हुई या बंद नाक से राहत पाने में नाक की सफाई करना आपकी मदद कर सकता है क्योंकि सेलाइन ड्रॉप्स उसकी नाक को बंद करने वाले गाढ़े बलगम को ढीला करता है। इसे आप घर पर भी बना सकते हैं, बस एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच टेबल नमक मिलाएं। अपने बच्चे को उनकी पीठ के बल लिटाएं, और ड्रॉपर का उपयोग करके नाक के प्रत्येक नथूने में दो या तीन बूंदें डालें। अब बलगम को साफ करें, इसे किसी कपड़े से पोंछ लें।

अजवायन का पानी पिलाएं: सर्दी-ज़ुकाम से राहत देने के लिए अपने बच्चे को आप दो से चार चम्मच अजवाइन का पानी भी पिला सकते हैं। इसके लिए आप एक बड़े चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में अच्छी तरह से पका लें। थोड़ी-थोड़ी देर में दिन में तीन से चार बार बच्चे को पिलाते रहें।

काढ़ा पिलाएं: आप घर पर भी तुलसी, दालचीनी, लौंग, काली मिर्च और अदरक का काढ़ा बना सकती हैं और इसे बच्चे को दिन में कम से कम दो बार काढ़ा ज़रूर पिलायें। अगर बच्चा छोटा है तो एक-दो चम्मच काढ़ा पीने के लिए दें। बच्चा अगर बड़ा है तो छोटा आधा कप काढ़ा पिला सकती हैं।