Corona virus, corona virus outbreak, corona virus treatment, corona virus in India: दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा। चीन के अलावा भारत, जापान, अमेरिका, जर्मनी जैसे लगभग 27 देशों के लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट मे आ रहे हैं। इस वायरस का इलाज किस तरह संभव है, इस बात की पूरी तरह से पुष्टि अब तक वैज्ञानिकों द्वारा नहीं की गई है।

हालांकि, थाइलैंड और चीन के कई डॉक्टर्स ने कोरोना वायरस की दवा खोज निकालने का दावा किया है। वहीं, पहली बार इस जानलेवा बीमारी को लेकर चेतावनी देने वाले डॉक्टर ली वेनलियान्ग की मौत हो गई है। ली भी इसी वायरस से संक्रमित थे और 30 दिसंबर को ही उन्होंने अपने साथी डॉक्टरों को इस बारे में चेताया था।


‘लोकल हीरो मानने लगे थे लोग’:
 चीन में पहली बार कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट करने वाले नेत्र विशेषज्ञ ली वेनलियान्ग की इसी वायरस से मौत हो गई है। वेनलियान्ग उन्हीं आठ डॉक्टर्स में शामिल हैं जिन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को चेताने की कोशिश की थी। हालांकि, इसके बाद स्थानीय पुलिस ने उनसे चुप रहने के साथ ही कहा था कि वे लोगों को भ्रमित ना करें।

लेकिन जब से डॉक्टर ली की बात सही साबित हुई तब से ही चीनी उन्हें लोकल हीरो की उपाधि दे रहे थे। बीबीसी की खबर के अनुसार, 34 वर्षीय डॉक्टर ली वेनलियांग को चीनी सोशल मीडिया में बीते कई दिनों से ‘हीरो’ बताया जा रहा था जिन्होंने सही समय पर लोगों को सतर्क करने का काम किया।

भारतीय मूल के डॉक्टर कर रहे टीम का नेतृत्व: टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, सीएसआईआरओ की डेंजरस पैथोजेन टीम का नेतृत्व भारतीय मूल के प्रोफेसर एसएस वासन कर रहे हैं। वासन, CSIRO के प्रधान इनवेस्टिगेटर भी हैं। बिट्स पिलानी और आईआईएससी-बेंगलुरु के छात्र रह चुके वासन ने कहा है कि इस सैंपल को स्टडी करके इस वायरस के लिए वैक्सीन को इजाद करने में मदद मिलेगी। साथ ही साथ, मेडिकल क्षेत्र के विकास और मूल्यांकन में भी ये सैंपल तेजी लाएगा।

भारत सरकार ने दी मिश्रित दवा इस्तेमाल करने की मंजूरी: दैनिक जागरण की एक खबर में बताया गया है कि भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआइ) ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में एचआइवी संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले दवाओं के मिश्रण के सीमित प्रयोग को मंजूरी दे दी है। लोपिनेविर और रिटोनेविर नामक इन दो दवाइयों के उपयोग को लेकर ICMR ने डीजीसीआई से आपात अनुमति मांगी थी।

वहां के अधिकारियों के अनुसार, कुछ अध्ययन में ये बात साबित हुई है कि कोरोना वायरस के इलाज में इन दवाओं का मिश्रण कारगार साबित हो सकता है। खबर के मुताबिक, इन दोनों दवाओं के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर को मरीज की मंजूरी लेनी पड़ती है।