च्युइंग गम का नाम सुनकर ही अपना बचपन याद आ जाता है। च्युइंग गम चबाना और उसके गुब्बारे फुलाना बचपन में बहुत अच्छा लगता था। च्युइंग गम बस एक गम है। च्युइंग गम का इतिहास बेहद पुराना है। मिस्र और माया सभ्यता में लोग प्राकृतिक रेजिन चबाते थे। आज के समय में च्युइंग गम आसानी से उपलब्ध और अधिकांश लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीज है, जिसे सिर्फ मजे या सांस ताजा करने के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत सुधारने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
ओरल हेल्थ के अलावा फायदे
अब तक च्युइंग गम को ज्यादातर दांतों की सुरक्षा, कैविटी रोकने और बदबू दूर करने के लिए जाना जाता रहा है। खासकर शुगर-फ्री या जाइलिटॉल युक्त गम दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को कम करता है और लार के स्राव को बढ़ाकर मुंह को साफ रखता है, लेकिन हाल ही में जर्नल Nutrients में प्रकाशित एक समीक्षा सर्वे ने च्युइंग गम के अन्य स्वास्थ्य लाभों की ओर ध्यान दिलाया है, जो ओरल हेल्थ से कहीं आगे तक जाते हैं।
उदाहरण के लिए धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करने वाले लोग तंबाकू की तलब कम करने के लिए निकोटीन गम चबाते हैं। इसके अलावा ऑपरेशन के बाद मरीज अपनी आंतों की एक्टिविटी को फिर से शुरू करने के लिए इसे चबाते हैं। ऐसे ही एथलीट अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए इसे चबाते हैं। कुछ लोग चिंता कम करने, सतर्कता बढ़ाने और अपनी भूख कंट्रोल करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।
क्या कहती है रिसर्च
इस अध्ययन में 5 बड़े डेटाबेस से 260 शोध कार्यों की समीक्षा की गई। इनमें शुगर गम, शुगर-फ्री गम, जाइलिटॉल युक्त गम, कैफीनयुक्त गम, निकोटीन गम और अन्य प्रकार शामिल थे। इसमें 155 रैंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल, 36 गैर-RCT, 65 समीक्षा या मेटा-विश्लेषण और 6 सर्वे शामिल थे। अधिकांश अध्ययन 2015 और 2025 के बीच प्रकाशित हुए, जिनमें से 38 अकेले 2024 में प्रकाशित हुए।
मेडिकल एड के रूप में भूमिका
40 से अधिक अध्ययनों ने च्युइंग गम को चिकित्सीय सहायक के रूप में परखा। धूम्रपान छोड़ने वालों के लिए निकोटीन गम कारगर पाया गया। यह craving कम करता है और लंबे समय तक परहेज बनाए रखने में मदद करता है। किडनी रोगी या हार्ट फेल वाले मरीज, जिन्हें तरल पदार्थ का सेवन सीमित करना पड़ता है, वे प्यास कम करने के लिए गम चबा सकते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
अपोलो अस्पताल, नवी मुंबई के सलाहकार प्रोस्थोडॉन्टिस्ट और इम्प्लांटोलॉजिस्ट डॉ. निनाद मुले ने के मुताबिक, च्युइंग गम चबाना सेहत के लिए अच्छा है या बुरा है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार का च्युइंग गम चबा रहे हैं और इसे कितनी देर के लिए चबा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुगर-फ्री गम और खासकर xylitol वाली गम चबाना ओरल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। इससे कैविटी और मसूड़ों की बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
मानसिक और शारीरिक प्रदर्शन में मददगार
कई अध्ययनों ने यह दिखाया कि च्युइंग गम लोगों के मूड, ध्यान और कार्यक्षमता को बेहतर कर सकती है। कैफीनयुक्त गम एथलीट्स में थकान कम करता है, सहनशक्ति और प्रतिक्रिया समय सुधारता है। इसके अलावा सामान्य गम चबाने से तनाव कम, मूड स्थिर और चिंता घटने की रिपोर्ट मिली है। कुछ शोध बताते हैं कि यह एकाग्रता और स्मृति को भी मजबूत करता है।
स्ट्रेस कम करने में असरदार
च्युइंग गम चबाने से मस्तिष्क में खून का फ्लो बढ़ जाता है। इससे संभावित रूप से एकाग्रता, स्मृति को बढ़ाने और किसी तरह के तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
पेट या आंतों के लिए उपयोगी
सबसे अधिक रिसर्च गम के सर्जरी के बाद उपयोग पर केंद्रित रहे। पेट या आंतों की सर्जरी के बाद च्युइंग गम चबाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिकवरी तेज होती है। आंतों की गति बढ़ती है, कब्ज और गैस्ट्रिक पैरालिसिस कम होता है। मतली और उल्टी में राहत, दर्द कंट्रोल और मरीज की संतुष्टि बढ़ती है।
वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।