भारत में सदियों से तुलसी को घर की सुख-समृद्धि का प्रतीक माना गया है, लेकिन यह पौधा केवल धार्मिक महत्व तक सीमित नहीं है। तुलसी को आयुर्वेद में औषधियों की रानी कहा गया है, क्योंकि इसके छोटे-छोटे पत्तों में जबरदस्त चिकित्सीय गुण छिपे होते हैं। यही कारण है कि आज भी हर मौसम में लोग इसकी 2–4 पत्तियां सुबह खाली पेट सेवन करने की सलाह देते हैं।
तुलसी का पौधा शरीर को बीमारियों से बचाने, वातावरण को शुद्ध रखने और मानसिक तनाव को कम करने में असरदार साबित होता है। तुलसी के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। यही कारण है कि रोज सुबह तुलसी की पत्तियां चबाने से सर्दी-खांसी, वायरल इंफेक्शन और मौसम बदलने पर होने वाली बीमारियों से बचाव होता है।

तुलसी को नियमित रूप से रोज खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है, पाचन में सुधार  होता है, सांस से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं। आयुर्वेद मानता है कि सुबह खाली पेट कुछ तुलसी के पत्ते चबाने से शरीर और मन, दोनों को फायदा होता है। आधुनिक रिसर्च भी इस प्राचीन परंपरा को सही ठहराती है क्योंकि तुलसी में कई बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं, जो शरीर को अनेक तरीके से फायदा पहुंचाते हैं।

वर्धा आयुर्वेद एंड हर्बल मेडिसिन के संस्थापक डॉक्टर सुभाष गोयल ने बताया अगर रोज़ सुबह 8-10 तुलसी के पत्तों को उसकी चाय बनाकर या फिर चबाया जाए तो बॉडी का बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। ये पत्तियां बॉडी को डिटॉक्स करती है और लिवर की हेल्थ में सुधार करती है। तुलसी के पत्ते सिर्फ शारीरिक सेहत के लिए ही फायदेमंद नहीं है बल्कि ये मानसिक स्थिति में भी सुधार करते हैं। इनका सेवन करने से तनाव कंट्रोल होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि तुलसी के पत्तों का सेवन करने से ब्रेन से लेकर बॉडी तक पर कैसा असर होता है।

तनाव कम करने वाले हैं ये पत्ते

तुलसी एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन है, जो शरीर में कॉर्टिसोल (Stress Hormone) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। सुबह इसके ताज़ा पत्ते चबाने से मानसिक स्पष्टता, शांत मन और तनाव से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। मानसिक स्थिति में सुधारने के लिए रोज तुलसी के पत्ते चबाएं। 

इम्यूनिटी बढ़ाते हैं ये पत्ते

तुलसी में यूजेनॉल, उर्सोलिक एसिड और रोसमारिनिक एसिड जैसे तत्व होते हैं,  ये एंटीऑक्सीडेंट और इम्यून-बूस्टिंग गुणों से भरपूर हैं। इसके एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण शरीर को संक्रमणों से बचाते हैं।

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन से लड़ते हैं ये पत्ते

तुलसी के एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज करते हैं, जिससे कोशिकाएं सुरक्षित रहती हैं। इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी असर शरीर को क्रॉनिक इंफ्लेमेशन से बचाता है।

सांस से जुड़ी समस्याओं में है असरदार

पॉल्यूशन बढ़ने के कारण श्वसन तंत्र पर असर पड़ता है। तुलसी में मौजूद आवश्यक तेल कफ को पतला करता हैं। इसका सेवन करने से सांस की जकड़न कम होती है और सांस लेने में राहत मिलती है। यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जिक राइनाइटिस में पारंपरिक औषधि के रूप में उपयोगी हैं।

मानसिक स्वास्थ्य और एकाग्रता में होता है सुधार

रिसर्च बताती है कि तुलसी का सेवन करने से याददाश्त तेज होती है।  ध्यान और मानसिक सतर्कता बढ़ सकती है। सुबह तुलसी चबाने से मानसिक थकान दूर हो सकती है।

पाचन तंत्र को करती हैं सपोर्ट 

तुलसी पाचन एंजाइमों को सक्रिय करती है और पेट के एसिड को संतुलित करती है। इससे एसिडिटी, गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं कम होती हैं।

शरीर को डिटॉक्स करती हैं ये पत्तियां

तुलसी लिवर और किडनी के कार्य को सपोर्ट करती है। यह रात भर जमा हुए टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि तुलसी ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल संतुलित करने में मदद कर सकती है। सुबह उठकर ताज़े, धुले हुए तुलसी के पत्ते चबाएं आपकी बॉडी में ये सभी चमत्कार दिखने लगेंगे।

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