मौसम तेजी से बदल रहा है। गर्मी पूरी तरह खत्म हो रही है और सर्द मौसम की शुरुआत हो रही है। मौसम में बदलाव जैसे ठंड से गर्मी होना, बारिश से धूप निकलना, गर्मी के बाद सर्दी होना जैसा कि अभी मौसम है। मौसम में होने वाला बदलाव मूड में उतार-चढ़ाव पैदा कर सकता है। कुछ लोग इस बदलाव की वजह से डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं। मौसम में बदलाव होने पर इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है और बीमार होने के चांस ज्यादा रहते हैं। इस मौसम में सर्दी-खांसी,जुकाम और बारिश जैसी परेशानी ज्यादा होती है। बदलते मौसम में शारीरिक बदलाव के साथ ही मानसिक बदलाव भी आते हैं। मौसम में बदलाव का असर मस्तिष्क रोग पर पड़ता है।

मौसम में होने वाले बदलाव का असर न्यूरोलॉजिकल स्थितियों को प्रभावित करता है। द लैंसेट न्यूरोलॉजी द्वारा जारी एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि 3 में से 1 व्यक्ति न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से प्रभावित है। तापमान में बदलाव होने से नींद के पैटर्न में बदलाव आता है जिससे थकान और मानसिक थकान होती है। आइए जानते हैं कि किस तापमान पर मूड अच्छा रहता है और किस तापमान पर गुस्सा ज्यादा आता है और मानसिक स्थिति में बदलाव होता है।

तापमान का मानसिक स्थिति पर असर

तापमान और मूड के बीच गहरा संबंध है। आमतौर पर 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान लोगों के लिए आरामदायक माना जाता है और इस तापमान पर मूड ठीक रहता है और मानसिक स्थिति दुरुस्त रहती है। 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान पर लोगों का मिजाज़ चिड़चिड़ापन होने लगता है और उन्हें गुस्सा आने लगता है। इसके अलावा बहुत ठंडा मौसम भी लोगों के मूड को प्रभावित कर सकता है। नॉर्मल तापमान पर रहने से मूड बेहतर होता है।

बदलते मौसम में कौन-कौन सी बीमारियों का बढ़ता है खतरा

सर्दी जुकाम का बढ़ जाता है खतरा

बदलते मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है और सर्दी जुकाम का खतरा बढ़ने लगता है। इस मौसम में वायरस तेजी से फैलता है और ज्यादातर लोग उसकी चपेट में आते हैं। सर्दी-खांसी से बचाव करने के लिए और इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने के लिए डाइट में विटामिन सी का सेवन करें। हेल्दी डाइट का सेवन करके आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं।

अस्थमा और एलर्जी का बढ़ता है खतरा

बदलते मौसम में धूल, पराग, और अन्य एलर्जेंस की मात्रा बढ़ने से अस्थमा के मरीजों को दौरा पड़ सकता है और एलर्जी हो सकती हैं। अगर आप भी बदलते मौसम में होने वाली इन परेशानियों से निजात पाना चाहते हैं तो आप मुंह पर मास्क लगाएं, धूल मिट्टी से बचाव करें। पॉल्यूशन बढ़ने पर जरुरत होने पर ही घर से बाहर निकलें।

पाचन पर पड़ता है असर

बदलते मौसम का असर पाचन को भी प्रभावित करता है। इस मौसम में आंत में संक्रमण और पाचन से जुड़ी परेशानियों का खतरा बढ़ने लगता है।

सर्द मौसम में दिल के लिए बढ़ता है खतरा

बदलता मौसम दिल की सेहत को भी बिगाड़ता है। इस मौसम में दिल के रोगों का खतरा भी बढ़ने लगता है। सर्द मौसम में ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है जिससे दिल से जुड़ी परेशानियों का खतरा बढ़ने लगता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।