हेल्दी और फिट रहने के लिए अक्सर खानपान और नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। बड़े बुजुर्ग से लेकर एक्सपर्ट हमेशा सुबह जल्दी उठकर सुपरफूड्स का सेवन और वर्कआउट करने सलाह देते हैं, लेकिन कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संजय भोजराज का मानना है कि असल रहस्य कहीं और छिपा है। अपने अनुभव में उन्होंने कई ऐसे लोगों को देखा है जो परफेक्ट डाइट और एक्सरसाइज रूटीन फॉलो करने के बावजूद उम्र से पहले बूढ़ा महसूस करते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, लंबी उम्र का असली सूत्र सुबह नहीं, बल्कि रात की आदतों में छुपा है।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संजय भोजराज के मुताबिक, खराब नींद उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया को तेज कर देती है। जब रातें बेचैन होती हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का लेवल हाई बना रहता है। यह शरीर को लगातार ‘फाइट और फ्लाइट’ मोड में रखता है, जिससे दिमाग थकता है और दिल पर दबाव बढ़ता है। लंबे समय तक हाई कॉर्टिसोल न केवल हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पूरे शरीर की मरम्मत करने की क्षमता को भी कमजोर कर देता है। ऐसे में डाइट कितनी भी हेल्दी हो या वर्कआउट कितना भी स्ट्रिक्ट हो, खराब नींद सब पर भारी पड़ सकती है।
ब्लड शुगर और नींद का कनेक्शन
नींद में मामूली गड़बड़ी भी ब्लड शुगर लेवल का लेवल बिगाड़ सकती है। इससे शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता है, इम्यूनिटी कमजोर होती है और दिन के समय एनर्जी लेवल गिरने लगता है। लंबे समय में यह शरीर की सेल रिपेयर की प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिसकी वजह से लोग अपनी उम्र से ज्यादा थके हुए और कमजोर महसूस करते हैं। इसके उलट, गहरी और सुकून भरी नींद ब्लड शुगर को संतुलित रखती है, अंगों पर दबाव कम करती है और मेटाबॉलिज्म को स्थिर बनाए रखती है।
क्यों शाम की आदतें हैं ज्यादा ताकतवर
आजकल 5 बजे सुबह उठने और मॉर्निंग रूटीन को लेकर काफी चर्चा होती है। डॉ. भोजराज के मुताबिक, शाम की आदतें सुबह की दिनचर्या से ज्यादा प्रभावी हैं। अगर शरीर रात में ठीक से रिलैक्स होता है तो नींद गहरी और रिपेरेटिव होती है। गहरी नींद के दौरान सेल रिपेयर और टिश्यू रीबिल्डिंग होती है, जो लंबे समय तक हेल्दी रहने के लिए जरूरी है। अगर, शरीर को यह मौका नहीं मिलता, तो चाहे डाइट कितनी भी क्लीन हो या एक्सरसाइज कितनी भी नियमित, उसका असर लंबे समय तक नहीं टिकता।
डॉ. भोजराज के मुताबिक, कई ऐसे मरीज देखे जो परफेक्ट डाइट और एक्सरसाइज के बावजूद थकान, ध्यान की कमी और धीमी रिकवरी की शिकायत करते थे। लेकिन जैसे ही उनकी ईवनिंग रूटीन सुधरी और सोने का समय नियमित हुआ, नतीजे हैरान करने वाले थे। उनकी एनर्जी बढ़ी, फोकस शार्प हुआ, वर्कआउट आसान लगा और लैब रिपोर्ट्स में हार्ट व मेटाबॉलिक मार्कर बेहतर नजर आए। कई मरीजों ने तो महसूस किया कि उनका शरीर मानो समय को पीछे कर रहा है।
रात की शांति में छिपा है लंबी उम्र का राज
डॉ. भोजराज के मुताबिक, उम्र को धीमा करने का असली मंत्र सिर्फ डाइट या वर्कआउट में नहीं, बल्कि रात की पूरी और गहरी नींद में है। दुनिया भले ही सुबह की अनुशासन वाली आदतों की तारीफ करे, लेकिन असल में लंबी उम्र और स्वस्थ दिल का राज शांत रातों में छिपा है।
वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।