डायबिटीज के मरीज़ों के लिये ब्लड शुगर को कंट्रोल करना बेहद ज़रूरी हैं। ब्लड शुगर को अगर कंट्रोल नहीं किया जाये तो बॉडी में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए लो ग्लाइसेमिक फूड्स का सेवन बेहद ज़रूरी हैं। डायबिटीज के मरिज़ो के लिये आलू और चावल का सेवन ज़हर की तरह असर करता है। अक्सर शुगर के मरीज़ों को सलाह दी जाती है की वह चावल और आलू से परहेज़ करे, इन दोनों फूड्स में स्टार्च की मात्रा ज़्यादा होती है जो तेज़ी से शुगर को बढ़ाती हैं।

आलू और चावल में कार्बोहाईड्रेट होता हैं जो शुगर को तेज़ी से बढ़ाता है। कुछ डायबिटीज के मरीजों को इन दोनों फूड्स को ख़ाना बेहद पसंद हैं लेकिन इसे खाने के बाद शुगर का पारा तेजी से हाई हो जाता है। डायबिटीज स्पेशलिस्ट सेंटर के अध्यक्ष डॉ. वी. मोहन कहते हैं कि शुगर के मरीजों के लिए स्टार्च का सेवन नुकसानदायक है लेकिन रेसिसटेंट स्टार्च का सेवन शुगर को बढ़ने नहीं देता। डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए प्रतिरोधी स्टार्च का सेवन करें। आइए जानते हैं कि रेसिसटेंट स्टार्च क्या है? आलू और चावल में मौजूद स्टार्च को कैसे रेसिस्टेंट स्टार्च में बदलें।

रेसिस्टेंट स्टार्च क्या है और ये कैसे ब्लड शुगर कंट्रोल करता है

प्रतिरोधी स्टार्च एक प्रकार का कार्ब है जो छोटी आंत में पाचन को रोकता है,जिससे रक्तप्रवाह में इसका अवशोषण धीमा हो जाता है। यह प्रतिरोधी स्टार्च डायबिटीज के मरीजों के लिए एक आदर्श विकल्प है क्योंकि इसका ब्लड शुगर के स्तर पर कम प्रभाव पड़ता है। प्रतिरोधी स्टार्च अन्य कार्ब्स की तरह पचने के बजाय बड़ी आंत में जाता है जहां यह किण्वित होता है और प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है। हेल्दी आंत बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करती है।

रेसिस्टेंट स्टार्च से भरपूर फूड्स सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। समान्य स्टार्च की तुलना में रेसिस्टेंट स्टार्च से युक्त चीजों में ऐसे माइक्रोब मौजूद होते हैं जो आपके पेट और पाचन तंत्र की सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।

रेसिस्टेंट स्टार्च से युक्त चीजों में प्री बायोटिक फाइबर मौजूद होता है और ये एक ऐसे बैक्टीरिया हैं जो आपके पाचन तंत्र को हेल्दी बनाते हैं। रेसिस्टेंट स्टार्च ब्लड शुगर के स्तर को भी कंट्रोल करता है।

आलू को रेसिस्टेंट स्टार्च में कैसे बदले

आलू में स्टार्च मौजूद होता है जो ब्लड में शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ाता है। अगर आप आलू में मौजूद स्टार्च को रेसिस्टेंट स्टार्च में बदलना चाहते हैं तो आप आलू को ठंडा करके खाएं। आलू को पकाने के बाद उसे फ्रिज में ठंडा करने रख दें। फ्रिज में ठंडा करने से आलू में मौजूद स्टार्च रेसिस्टेंट स्टार्च में बदल जाता है। ये रेसिस्टेंट स्टार्च प्री बायोटिक बैक्टीरिया के फायदे पहुंचाता है। स्टार्च को रेसिस्टेंट स्टार्च में बदलने के लिए आपको कुकिंग और तापमान का ध्यान रखना चाहिए।

चावल में मौजूद स्टार्च को प्रतिरोधी स्टार्च में बदलें

चावल में कार्बोहाइड्रेट तो मौजूद होता है लेकिन इसमें प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और फाइबर कम होता है। कम फाइबर और कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होने की वजह से इन दोनों का साथ में सेवन ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए चावल को प्रतिरोधी स्टार्च में बदलकर उसका सेवन करें।

शुगर के मरीज चावल का सेवन रेसिस्टेंट स्टार्च के रुप में करें तो उसमें मौजूद स्टार्च कॉम्पलेस फॉर्म में बदल जाएगा। अगर डायबिटीज के मरीज चावल का सेवन करना चाहते हैं तो वो चावल को पकाकर उसे फ्रिज में ठंडा कर दें फिर उसका सेवन करें। चावल को ठंडा करके खाने से उसमें मौजूद स्टार्च रेसिस्टेंट स्टार्च में बदल जाता है जिसकी वजह से उसका पाचन धीमे से होता है और शुगर कंट्रोल रहती है।