Homeopathy and PCOS Treatment: अस्त-व्यस्त जीवनशैली के कारण आज के समय में लोग कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य की बात करें, तो उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। घर और ऑफिस में संतुलन बनाने के बीच फंसी महिलाएं दूसरों की सेहत का ध्यान तो बखूबी रखती हैं, लेकिन जब खुद की बात आती है, तो बिल्कुल भी सेहत का ध्यान नहीं रखती हैं, जिसके कारण कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, जिसे आम भाषा में PCOS कहते हैं।
आज के समय में PCOS महिलाओं में पाई जाने वाली आम समस्याओं में से एक मानी जाती है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन एंड्रोजन बढ़ जाते हैं या फिर ओवरीज में एक से अधिक सिस्ट हो जाना होता है। सबसे बड़ी बात हैं कि इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है, बल्कि आपको लाइफटाइम कोई न कोई दवा खानी पड़ती है। लेकिन होम्योपैथी इसको जड़ से खत्म करने का दावा करती है। इस विषय पर जानकारी के लिए हमने दिल्ली स्थिति शेषाद्री होम्योपैथिक क्लिनिक की फिजीशियन डॉक्टर शेषाद्री जुयाल से बातचीत की। आइए जानते हैं क्या कहते हैं डॉक्टर?
कैसे किया जाता है PCOS का इलाज ?
इलाज से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर PCOS होता क्या है? हर महीने ओवरीज में हार्मोन इंफ्लूएंस ( Hormone influence) से एग बनना शुरू होता है और करीब मिड-साइकिल में अंडा रिलीज या अंडोत्सर्ग (ovulate) हो जाता है। अगर प्रेगनेंसी नहीं होती, तो 14 दिन बाद महिला को पीरियड हो जाता है। इस साइकिल को अंडाकार चक्र ( ovulatory cycle) कहते हैं और यह हर महीना रिपीट होता रहता है। हार्मोन इंबैलेंस होने पर अंडा ओवरी में बढ़ता ही नहीं है। इसलिए ओवुलेशन (ovulation) नहीं हो पाता और ओवरी में छोटी-छोटी द्रव से भरी थैलियां एक साथ दिखने लगती है, जिसे फॉलिकल्स कहा जाता है। यह फॉलिकल्स Immature Eggs है और यह फ्लूड सिस्ट (fluid cyst) की तरह दिखते हैं। इस स्थिति को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) कहते हैं |
PCOS के मरीजों में कौन से होते हैं दो मुख्य हार्मोन
Androgen: ओवरी में एंड्रोजन की मात्रा बढ़ने से ओवुलेशन की समस्या होती है, इससे एग की क्वालिटी खराब होती है और फेशियल हेयर ग्रोथ, मुंहासे, ऑयली स्किन और तेजी से वजन बढ़ना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Insulin: इन्सुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) से कम उम्र में डायबिटीज का खतरा होता है। इसक अलावा स्किन में डार्क पैचेज भी हो जाते हैं।
क्या PCOS से पाया जा सकता है जड़ से निजात?
डॉक्टर शेषाद्री जुयाल के अनुसार, PCOS का मुख्य कारण स्ट्रेस भी है। इसके कारण हार्मोनल इंबैलेंस होता है। होम्योपैथिक दवाइयों के सेवन से स्ट्रेस और इससे संबंधित समस्याएं ठीक होती है , साथ ही होम्योपैथिक दवाइयों के सेवन से ओवरी में बनी सिस्ट ठीक होती है और हार्मोन इंबैलेंस के कारण होने वाली समस्या भी सही हो जाती है।
PCOS समस्या को ठीक करने के लिए होलिस्टिक अप्रोच ( Holistic Approach) का प्रयोग किया जाता है। होम्योपैथी दवाइयों के साथ लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन यानी व्यायाम, योग आदि करने के साथ कार्बोहाइड्रेट्स, शुगर को सेवन करना बंद करना होता है। इसके साथ ही डाइट में फाइबर युक्त ताजे फल सब्जियां को शामिल किया जाता है। ऐसा करने से पीसीओएस की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
किस चरण में PCOS हो सकता है खतरनाक ?
PCOS के कारण महिलाओं को जो मुख्य समस्या होती है वह है इनफर्टिलिटी ( Infertility), कई बार मिसकैरेज ( miscarriage) और प्री-मैच्योर बेबी ( Premature Baby) होने की समस्या का सामना करना पड़ता है | इस अवस्था में पीसीओएस काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
कब हो सकता है पीसीओएस का इलाज ?
डॉक्टर शेषाद्री जुयाल के अनुसार, PCOS को पहचानने के तीन मुख्य लक्षण हैं – अनियमित पीरियड, ब्लड प्रेशर में टेस्टोस्टेरोन स्तर ( Testosterone Level) का बढ़ना और अल्ट्रासाउंड में पॉलीसिस्टिक ओवरी (Polycystic Ovary) निकलना। इसके अलावा अन्य लक्षण है – पीरियड का मिस होना या 40-45 दिन बाद आना, पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग होना, फेशियल हेयर ग्रोथ शुरू होना, चेहरे में मुंहासे होना, बाल अधिक झड़ना आदि। अगर आप इन समस्याओं से परेशान हैं, तो किसी होम्योपैथिक फिजिशियन से परामर्श ले सकते हैं |
क्या जीवन भर खानी पड़ती है दवा ?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर शेषाद्री जुयाल ने कहा कि नहीं, जीवन भर दवा नहीं खानी पड़ती। होम्योपैथी दवाइयों का सेवन करने से लक्षणों में आपको आराम जल्दी आना शुरू हो जाएगा, जड़ से इलाज के लिए मरीज को कम से कम 1 से 2 साल दवाइयों का सेवन कर पड़ सकता है। इससे पहले ये जानना जरूरी है कि आप पीसीओएस की किस स्टेज में है। इसके बाद ही होम्योपैथिक चिकित्सक आपको सही सलाह दे सकता है।