Diabetes Control: शराब का अत्यधिक सेवन किसी भी व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी लोगों को कम मात्रा में ही एल्कोहल पीने की सलाह देते हैं। वहीं, डायबिटीज रोगियों को खाने-पीने के मामले में कई पाबंदियां झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में मरीजों के मन में अक्सर ये सवाल आता है कि क्या शराब का सेवन उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। आइए जानते हैं कि मधुमेह के मरीज अगर शराब पीते हैं तो इससे शुगर लेवल और रोगियों के शरीर पर क्या असर पड़ता है –

अधिक होती है शुगर की मात्रा: आमतौर पर लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं होता है कि शराब में शुगर भी हो सकता है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि एल्कोहल में छिपी हुई मिठास होती है। बताया जाता है कि वोडका और क्रैनबेरी में औसत रूप से करीब साढ़े 7 चम्मच चीनी होती है। वहीं, एक नॉर्मल ड्रिंक में मिठास लगभग 4 चम्मच चीनी के बराबर होती है।

लिवर में कम बनने लगता है ग्लूकोज: स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि मिठास होने के बावजूद शराब का ज्यादा सेवन मरीजों के शरीर में शुगर लेवल को काफी लो कर सकता है। उनके अनुसार कई ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जिसमें शराब पीने के 24 घंटे के भीतर लोगों के शुगर लेवल में अचानक गिरावट देखने को मिलती है। बताया जाता है कि नॉर्मल स्थिति में जब मरीजों का शुगर लेवल डाउन हो जाता है तो लिवर ग्लूकोज रिलीज करता है। लेकिन शराब इस प्रकिया को बाधित करता है जिससे ब्लड शुगर की कमी हो जाती है जो शरीर के लिए खतरनाक है।

कितने मात्रा में शराब का सेवन कर सकते हैं डायबिटीज रोगी: हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर कुछ सावधानी बरती जाए और सीमित मात्रा में शराब का सेवन किया जाए तो ये उतना भी नुकसान नहीं करेगा। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक डायबिटीज से ग्रस्त पुरुषों को एक दिन में 2 और महिलाओं को 1 पेग से अधिक शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी: विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटीज रोगी को कभी खाली पेट शराब नहीं पीना चाहिए। साथ में कुछ न कुछ जरूर खाएं। एल्कोहल को डाइल्यूट करके पीना चाहिए लेकिन ध्यान रखें कि इसमें कोई कैलोरी युक्त ड्रिंक न डालें। वहीं, जो लोग इंसुलिन लेते हैं उन्हें बगैर अपने डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।