बढ़ते वजन से परेशान लोग बढ़े हुए वेट को कंट्रोल करने के लिए जिम जाकर वर्कआउट करते हैं, डाइट का ध्यान रखते हैं,अपनी कैलोरीज पर कंट्रोल करते हैं फिर भी उनका वज़न कम नहीं होता। आप जानते हैं वज़न कम करने के लिए सिर्फ़ डाइट और एक्सरसाइज़ काफ़ी नहीं है बल्कि आप की डाइट हैबिट्स भी बेहद मायने रखती हैं। डाइट की ख़राब आदतें आपका वज़न कम नहीं होने देती। ख़राब आदतों से मतलब है खाने के समय की पाबंदी नहीं रखने से है। अक्सर लोग दिन का खाना 3 बजे खाते हैं तो रात का खाना 9-10 खाते हैं। रात में लेट खाना खाते हैं और खाते ही सीधे बिस्तर पर चले जाते हैं जो वज़न बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है।
कुछ लोग जिम तो जाते है वर्कआउट करके जितनी कैलरीज़ बर्न करते हैं उससे ज़्यादा कैलरीज़ का सेवन करते हैं। क्या आप उन लोगों में से हैं जो काम की व्यस्तताओं के कारण रात का खाना जल्दी नहीं खा पाते हैं? आप जानते हैं कि वजन बढ़ने का कारण आपके द्वारा बर्न की जाने वाली कैलोरी से अधिक कैलोरी खाना है।
मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल की पोषण विशेषज्ञ पूजा उदेशी ने बताया कि आप देर तक काम करने के बावजूद अपनी डाइट को कंट्रोल कर सकते हैं। एक्सपर्ट वेट लॉस करने के लिए इसे कैलोरीज इन और कैलोरीज आउट सिद्धांत कहती हैं। वेट लॉस करने के लिए आप कब, क्या और कितना खा रहे हैं, इस पर नजर रखें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि लेट नाइट डिनर कैसे वेट लॉस करने में मददगार है। वेट लॉस के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
रात का खाना कैसे वजन को बढ़ाता है?
देर रात खाना खाने और वजन बढ़ने के बीच गहरा संबंध है। देर रात खाना खाने वाले लोगों में अधिक कैलोरी खाने की आदत होती है। रात में खाना खाने से वजन तभी बढ़ सकता है जब आप अतिरिक्त कैलोरी खाते हैं। याद रखें कि देर रात में खाना खाने से अतिरिक्त कैलोरी सोने, खाने और जागने की सर्कैडियन लय के विरुद्ध जाती है। एक्सपर्ट के मुताबिक आधे दिन के बाद बेसल मेटाबॉलिज्म दर धीमी होने लगती है। इसका मतलब है कि आपका शरीर कम वसा बर्न करता है। एक्सपर्ट के मुताबिक वजन कम करने के लिए खाने के पॉर्शन को कंट्रोल करना, कम कैलोरी और प्रोटीन का अधिक सेवन करना जरूरी है।
देर रात को खाना खाते समय, लोग अक्सर चिप्स, सोडा और आइसक्रीम जैसे कैलोरी से भरपूर खाद्य पदार्थों का चयन करते हैं। तनाव, चिंता, उदासी के कारण मूड में बदलाव/विकार रात में अत्यधिक व्यस्तता का एक कारण है। हार्मोन में बदलाव भी नींद की कमी का एक अतिरिक्त कारण है। इसलिए अपनी डाइट को प्लान करते समय इन कारकों का ध्यान रखना जरूरी है।
वेट कंट्रोल करने के लिए इस तरह बनाएं डाइट प्लान
- खाने के समय और फ्रीक्वेंसी के जरिए भूख को कंट्रोल करने के कई तरीके हैं जैसे अधिक कैलोरी वाला नाश्ता खाने से आपका पेट भरा हुआ महसूस होगा, देर रात को अधिक कैलोरी का सेवन करने से बचाव होगा।
- दूसरा तरीका यह है कि दिन भर में बार-बार छोटे-छोटे भोजन का सेवन करें तो रात में खाने की क्रेविंग कंट्रोल रहेगी।
- कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि रात में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से दिन में पहले सेवन किए गए कार्बोहाइड्रेट की तुलना में अधिक तेजी से ब्लड शुगर बढ़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नींद का हार्मोन मेलाटोनिन रक्त ग्लूकोज-विनियमन हार्मोन, इंसुलिन के स्राव में बाधा डालता है। देर से भोजन करते हैं तो कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से बचें। कार्बोहाइड्रेट का सेवन दिन के शुरुआती हिस्सों में बड़े भोजन में लें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप भूखे न सोएं, अगर देर रात भोजन करते हैं तो कम खाएं।
