डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए ख़राब डाइट, बिगड़ता लाइफ़स्टाइल, तनाव और जेनेटिक कारण ज़िम्मेदार है। डायबिटीज की बीमारी होने से पहले मरीज़ प्री-डायबिटीज की स्थिति में आता है। भारत में प्री डायबिटीज मरीज़ों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। देश भर में 2008 से 2020 के बीच किए गए एक क्रॉस-सेक्शन अध्ययन में पाया गया है कि देश में अनुमानित 101.3 मिलियन लोग डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं और 136 मिलियन लोग प्री-डायबिटिक की श्रेणी में हैं।
प्री-डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर नार्मल रेंज से ज़्यादा होता है लेकिन हाई ब्लड शुगर की सीमा से अंदर होता है। अगर लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे तो डायबिटीज की बीमारी होती है। डायबिटीज और प्री-डायबिटीज मरिज़ों के लिए ब्लड sugar को नार्मल रखना बेहद जरूरी है।
डायबिटीज कंट्रोल रखने में डाइट का खास महत्व है। डाइट में दही एक ऐसा फ़ूड है जो हमारी थाली का अहम हिस्सा है। दही का सेवन हम दिन भर के खाने में एक से दो बार करते हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या सेहत के लिए उपयोगी दही डायबिटीज और प्री डायबिटीज मरीज़ों के लिए भी उपयोगी है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं।
दही का सेवन कैसे डायबिटीज कंट्रोल करता है ईरानी रिसर्च में हुआ खुलासा
ईरानी में किए गए एक नए अध्ययन के अनुसार जिसमें नौ वर्षों तक 300 से अधिक प्रतिभागियों पर नज़र रखी गई। रिसर्च में पाया गया जिन लोगों ने 200 ग्राम फुल फैट दही का सेवन किया उन्हें हाइपरग्लेसेमिया को दूर करने और टाइप 2 डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिली। हाइपरग्लेसेमिया (Hyperglycemia) एक ऐसी स्थिति है जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है।
मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम में निदेशक एंडोक्राइनोलॉजी और डायबिटोलॉजी डॉ. जसजीत सिंह वसीर ईरान में की गई इस रिसर्च से सहमत हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक दही प्रीडायबिटीज से पीड़ित लोगों को फायदा पहुंचा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में लोग बहुत तेजी से डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक ये कहना गलत होगा कि दही अकेले प्रीडायबिटीज को रिवर्स कर सकती है। दही का सेवन डायबिटीज कंट्रोल करने में असरदार है।
फुल फैट दही और डायबिटीज का कैसे कनेक्शन हैं?
दही एक ऐसा फूड है जो आवश्यक फैटी एसिड और प्रोबायोटिक्स से भरपूर है, इसका सेवन करने से आंतों की सेहत दुरुस्त रहती है। दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया मोटापा, डायबिटीज और दिल के रोगों से बचाव करते हैं। दही एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। इसके कुछ आवश्यक फैटी एसिड मौजूद होते हैं जिसका सेवन लंबे समय तक करने से ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है।
संयुक्त राज्य खाद्य और औषधि प्रशासन (United States Food and Drug Administration) ने दही के निर्माताओं से टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम कम करने में दही की भूमिका पर विज्ञापन करने की सलाह दी है। FDA इस दावे से सहमत है कि हफ्ते में कम से कम दो कप दही खाने से डायबिटीज विकसित होने की संभावना कम हो सकती है। PLOS वन में प्रकाशित 2015 के एक चीनी अध्ययन में पाया गया कि प्रोबायोटिक फूड दही ने फास्टिंग ब्लड शुगर और फास्टिंग प्लाज्मा इंसुलिन के स्तर को काफी कम कर दिया है। डायबिटीज की बीमारी से बचाव करने के लिए और प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने के लिए दही का सेवन अमृत है।
प्री डायबिटीज और डायबिटीज मरोजों को एक दिन में कितनी मात्रा में दही का सेवन करना चाहिए?
20 से अधिक अध्ययनों के मेटा विश्लेषण में में पाया गया कि प्रतिदिन 80 से 125 ग्राम दही का सेवन टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को 14 प्रतिशत कम कर सकता है। रिसर्च के मुताबिक रोजाना डाइट में दही को शामिल करने से टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम 18 प्रतिशत कम हो जाता है। दही में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है जो ब्लड में शुगर के स्तर को नॉर्मल रखने के लिए जरूरी है। याद रखें कि आप मीठे दही का सेवन बिल्कुल नहीं करें वरना बॉडी में कैलोरी की मात्रा बढ़ सकता है।