पिंडलियों में दर्द होना एक ऐसी परेशानी है जो किसी को भी कभी भी हो सकती है। पिंडलियों (calf muscles) का काम शरीर का पूरा भार संभालना और चलने-फिरने में मदद करना होता है। जब इन मांसपेशियों, नसों और हड्डियों को सही पोषण नहीं मिलता, तो सुबह के समय दर्द और जकड़न सबसे पहले महसूस होती है। इंडियन जेरियाट्रिक रिसर्च के अनुसार, बढ़ती उम्र के साथ पैरों में दर्द और कमजोरी का एक बड़ा कारण है तीन जरूरी पोषक तत्वों की कमी होना है। विटामिन D, मैग्नीशियम और विटामिन B12 की कमी होने से पैरों और पिंडलियों में दर्द होता है। इस परेशानी को साइलेंट डेफिशियेंसी कहा जाता है, क्योंकि शुरुआत में कोई साफ लक्षण नहीं दिखते, लेकिन अंदर ही अंदर ये कमी पैरों की ताकत और नसों को कमजोर करती रहती है।
National Institutes of Health (NIH) और अन्य मेडिकल रिसर्च संस्थान इस बात की पुष्टि करते हैं कि मांसपेशियों के संकुचन (Contraction) और विश्राम (Relaxation) के लिए शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और विटामिन्स का संतुलन होना जरूरी है। पिंडलियों में होने वाला दर्द सिर्फ थकान नहीं, बल्कि Nutritional Neuropathy या Electrolyte Imbalance का संकेत हो सकता है। NIH के अनुसार, जब मांसपेशियों को सिग्नल देने वाली नसें और मांसपेशियों के तंतु (Fibers) सही पोषण नहीं पाते, तो वे अनियंत्रित रूप से सिकुड़ने लगते हैं, जिसे हम क्रैम्प कहते हैं।
NIH के Office of Dietary Supplements के अनुसार, विटामिन D की कमी से कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो पाता। जब रक्त में कैल्शियम का स्तर गिरता है, तो मांसपेशियां हाइपर-एक्साइटेड हो जाती हैं जिससे पिंडलियों में अचानक तेज मरोड़ उठती है। विटामिन B-कॉम्प्लेक्स खासकर B1, B6 और B12 नर्व हेल्थ के लिए जिम्मेदार हैं। विटामिन B12 की कमी नसों की सुरक्षात्मक परत (Myelin Sheath) को नुकसान पहुंचता है, जिससे पैरों में ‘पिन और सुइयां’ चुभने जैसा एहसास और पिंडलियों में सुन्नपन के साथ दर्द होता है। आइए जानते हैं कि पैरों से जुड़ी इस परेशानी के लिए कौन कौन से फूड्स का सेवन करें।
विटामिन B12 की कमी करें पूरा
NIH के विशेषज्ञों का मानना है कि पोषक तत्वों की भरपाई का सबसे अच्छा तरीका ‘फूड फर्स्ट’ (Food First) अप्रोच है, लेकिन गंभीर कमी में सप्लीमेंट जरूरी हो जाते हैं। विटामिन B12 नसों को मजबूत रखने और पैरों की कमजोरी दूर करने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से झनझनाहट, सुन्नपन और चलने में परेशानी हो सकती है। दूध, दही, पनीर और अंडे विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं। मांसाहारी लोगों के लिए मछली और लीन मीट भी फायदेमंद होते हैं। नियमित रूप से इन फूड्स का सेवन करने से नर्व डैमेज का खतरा कम होता है और पैरों में ताकत बनी रहती है।
विटामिन D से करें पिंडलियों के दर्द का इलाज
विटामिन D हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है। इसकी कमी से सुबह उठते ही पैरों में दर्द, जकड़न और थकान महसूस होती है। मशरूम और फोर्टिफाइड अनाज विटामिन D के अच्छे फूड सोर्स हैं, लेकिन इसका सबसे असरदार तरीका है सुबह की गुनगुनी धूप। रोज़ाना 15–20 मिनट धूप में रहने से शरीर में विटामिन D का स्तर बेहतर होता है और पैरों की मजबूती व फुर्ती बनी रहती है।
विटामिन B6 की कमी भी करती है पिंडलियों में दर्द
यह मांसपेशियों की मरम्मत और नर्व सिग्नलिंग के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से मांसपेशियों में अचानक खिंचाव और ऐंठन (Cramps) की समस्या बढ़ जाती है। शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नसों के स्वास्थ्य, रेड ब्लड सेल्स बनाने और प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म में मदद करता है। पिंडलियों के दर्द और मांसपेशियों की ऐंठन को दूर करने के लिए इसकी भरपाई करना जरूरी है। बॉडी में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए आप पालक,चना, केला,शकरकंद और आलू,नट्स और सीड्स का सेवन करें। मांसाहारी लोग अंडा,मछली,चिकन और टर्की का सेवन करें।
Biotin for Hair Fall: क्या वाकई बायोटिन कैप्सूल झड़ते बालों का इलाज करता है? किसे होगा फायदा और किन लोगों के लिए हो सकता है खतरनाक, रिसर्च से जानिए। पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।
