बच्चे की हेल्थ और विकास के लिए मां की दूध बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि स्तनपान न केवल नवजात शिशु के संपूर्ण विकास में मदद करता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी बचाव करता है। कई शोध और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मां का दूध बच्चों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के साथ-साथ टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को भी कम करता है। हालांकि, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसका समय रहते इलाज करवाना बहुत ही जरूरी है। एमडी एंडरसन, वेलनेस डाइटिशियन लिंडसे वोलफोर्ड के मुताबिक, स्तनपान कराने वाली माताओं में प्री- और पोस्ट-मेनोपॉजल स्तन कैंसर का जोखिम कम होता है।
लिंडसे वोलफोर्ड के अनुसार, स्तनपान कराने वाली अधिकांश महिलाओं को स्तनपान के दौरान हार्मोनल परिवर्तन का अनुभव होता है, जिससे उनके मासिक धर्म यानी पीरियड्स में देरी होती है। इससे महिला का एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन के संपर्क में आने का जोखिम कम हो जाता है, जो स्तन कैंसर कोशिका को बढ़ावा दे सकता है।
क्या कहती है रिसर्च?
अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कम से कम छह महीने तक स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इससे आपके बच्चे को केवल स्तन का दूध ही मिलता है, जिसमें कोई पानी, अन्य तरल पदार्थ या ठोस पदार्थ नहीं होता। स्तन का दूध बच्चे को इस समय के दौरान विकसित होने और स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक सभी ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करता है।
छह महीने के बाद मां का दूध बच्चे की पोषण संबंधी जरूरतों का कम से कम आधा हिस्सा पूरा करता है। इसके बाद धीरे-धीरे बेबी को अनाज, फल और सब्जियां जैसे अन्य फूड्स देना शुरू कर सकती हैं, लेकिन इस दौरान भी स्तनपान जारी रखना चाहिए। छह महीने से अधिक समय तक स्तनपान कराना न केवल बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि जितना अधिक समय तक ऐसा करने पर स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर के खिलाफ सुरक्षा उतनी ही अधिक होगी।
स्तनपान कैसे बच्चे को कैंसर से बचाता है?
स्तनपान से न केवल आपको कैंसर होने की संभावना कम होती है, बल्कि बच्चे को भी कैंसर होने की संभावना कम होती है। यह बच्चे को बाद में अधिक वजन या मोटापे से बचाने में मदद कर सकता है। मोटापे से व्यक्ति को कई तरह के कैंसर का खतरा होता है, जिसमें पैंक्रियाज, रजोनिवृत्ति के बाद स्तन, एंडोमेट्रियल , एसोफैजियल, रेक्टल और किडनी कैंसर आदि शामिल है।
बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत होगा
मां के दूध में एंटीबॉडी, सफेद रक्त कोशिकाएं और आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। यह संक्रमण और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है, जो कैंसर की संभावना को घटा सकता है।
सेल ग्रोथ को रेगुलेट करना
मां के दूध में मौजूद एचएमओ और अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड्स स्वस्थ कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देते हैं और असामान्य कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करते हैं, जो कैंसर जैसी बीमारियों के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।
ल्यूकेमिया और बचपन के कैंसर से बचाव
कई रिसर्च के मुताबिक, स्तनपान करने वाले बच्चों में ल्यूकेमिया और लिम्फोमा जैसी रक्त संबंधी कैंसर की संभावना कम हो जाती है। 6 महीने तक स्तनपान कराने से बच्चों में ल्यूकेमिया का खतरा 19 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
इसके अलावा हर किसी को अपनी उम्र के हिसाब से एक दिन में एक सीमित समय तक पैदल जरूर चलना चाहिए। यहां जानिए उम्र के हिसाब से पैदल चलने के फायदे क्या होते हैं।