डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल शरीर की गंध को कंट्रोल करने और पसीने को कम करने के लिए किया जाता है। डिओडोरेंट शरीर की गंध को मास्क करके काम करते हैं, जबकि एंटीपर्सपिरेंट पसीने को कम करने के लिए काम करते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया जैसे कई प्लेटफॉर्म पर एक ऐसा मिथक है कि डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट के इस्तेमाल से कैंसर हो सकता हैं। चलिए आपको बताते हैं कि इसको लेकर एक्सपर्ट का क्या कहना है।

इस संबंध में HCG कैंसर सेंटर, बोरिवली, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और ब्रेस्ट ऑन्कोसर्जरी, डॉ. भविषा घुगरे ने बताया कि अक्सर लोगों में यह डर देखने को मिलता है कि डिओडोरेंट या एंटीपर्सपिरेंट के इस्तेमाल से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। यह डर ज्यादातर गलत जानकारी और अफवाहों के कारण फैलता है। इसलिए इस डर को वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर समझना और स्पष्ट करना बेहद जरूरी है।

डॉ. भविषा घुगरे ने बताया कि जबकि डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट, एक फूलों से या पाइन आदि के प्रयोग से बनता है, जो किसी में कैंसर नहीं पैदा कर सकते। दुर्गन्ध वाले अंडरआर्म बैक्टीरिया से लड़ने में एंटीपर्सपिरेंट्स काम करते हैं। उन्होंने बताया कि डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट में मौजूद मुख्य तत्व एल्युमिनियम कंपाउंड्स और पैराबेन्स हैं, जिनसे लोगों को डर लगता है।

एल्युमिनियम कंपाउंड्स

एल्युमिनियम कंपाउंड्स कई एंटीपर्सपिरेंट में पाए जाते हैं, जो पसीना आने के रास्तों को अस्थायी रूप से बंद कर देते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि शेविंग के बाद जब ये तत्व त्वचा से शरीर में प्रवेश करते हैं, तो यह स्तन की कोशिकाओं में जमा होकर कैंसर का कारण बन सकते हैं।

पैराबेन्स

पैराबेन्स सौंदर्य उत्पादों जैसे क्रीम और लोशन में इस्तेमाल होने वाले संरक्षक होते हैं। इनमें हल्के एस्ट्रोजन जैसे गुण होते हैं, इसलिए इन्हें ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से जोड़ा जाता है।

वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं?

कई शोधों ने यह स्पष्ट किया है कि डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट के उपयोग से स्तन कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता। Journal of the National Cancer Institute में प्रकाशित एक अध्ययन इस धारणा को सिरे से खारिज करता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के टेड एस गन्सलर ने वेबएमडी को बताया है कि इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं कि डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस मिथक पर अभी भरोसा न करें।

त्वचा के माध्यम से एल्युमिनियम बहुत ही कम मात्रा में शरीर में अवशोषित होता है और शरीर उसे जल्दी बाहर निकाल देता है। इसलिए इसके जमा होने की संभावना बेहद कम है। इसके अलावा पैराबेन्स का असर भी बहुत हल्का होता है और अब तक इसका ब्रेस्ट कैंसर से कोई सीधा संबंध साबित नहीं हुआ है।

कैसे रहें सावधान

डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट के इस्तेमाल से स्तन कैंसर होता है, ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। यदि आपको स्तन कैंसर को लेकर चिंता है, तो आपको अपने पारिवारिक इतिहास, उम्र, जीवनशैली और प्रजनन इतिहास पर ध्यान देना चाहिए। नियमित रूप से जांच करवाना और डॉक्टर से सलाह लेना स्तन कैंसर की पहचान और रोकथाम का सबसे बेहतर तरीका है।

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