Coronavirus Stress and Diabetes: इस कोरोना काल में दुनिया भर के कई लोग संक्रमण के अलावा तनाव के गिरफ्त में भी आए हैं। कई शोध हुए हैं जिनसे पता चलता है कि बढ़ता स्ट्रेस बहुत सारे क्रॉनिक बीमारियों को बुलावा देता है। डायबिटीज के मरीज अगर तनाव से भी ग्रस्त हैं तो इससे ब्लड शुगर का स्तर अनियमित होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा स्ट्रेस लेने से शरीर में कॉर्टिसोल की मात्रा बढ़ जाती है जो इंसुलिन लेवल को हैंपर करता है। देश में भी कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए लगभग 2 महीने का सख्त लॉकडाउन लगाया गया था। इस बीच, एक शोध के अनुसार देश में मधुमेह मरीजों का ब्लड शुगर लेवल तकरीबन 20 प्रतिशत बढ़ा है।

रिपोर्ट में ये हुआ खुलासा: बिएटो (Beato) जो डायबिटीज केयर और  मैनेजमेंट के लिए जाना जाता है। देश के 8 हजार 200 मधुमेह के मरीजों पर विश्लेषण कर ये  रिपोर्ट तैयार किया है। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया है कि कोरोना वायरस को लेकर स्ट्रेस और लॉकडाउन में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पैदा हुए तनाव के कारण लोगों के ब्लड शुगर के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके अलावा, इस दौरान शीघ्र चिकित्सा की कमी के कारण भी ओवरॉल ब्लड शुगर 20 प्रतिशत तक बढ़ा है।

इन शहरों में बढ़ा है डायबिटीज लेवल: ब्लड शुगर के स्तर में अधिक वृद्धि दिखाने वाले राज्यों में
रक्त शर्करा के स्तर में अधिक वृद्धि दिखाने वालों में राजस्थान, लद्दाख, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड जैसे प्रमुख राज्यों के साथ उत्तर, पश्चिम और उत्तर-पूर्व भारत के क्षेत्र शामिल थे। इस एनालिसिस में एक और बात ये सामने आई है कि इनमें से ज्यादातर राज्य वैसे हैं जहां चावल और कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने वाले लोगों की अधिकता है। कुल मिलाकर, ब्लड शुगर के स्तर में सबसे अधिक वृद्धि दमन और दीव (49 प्रतिशत), त्रिपुरा (38 प्रतिशत) में देखी गई।

इसके अलावा, नागालैंड (30 प्रतिशत), मणिपुर (28 प्रतिशत), उत्तराखंड (25 प्रतिशत), जम्मू और कश्मीर (23 प्रतिशत), लद्दाख (23 प्रतिशत), झारखंड (22 प्रतिशत), राजस्थान (21 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (20 प्रतिशत) और बिहार (20 प्रतिशत) में भी डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर बढ़ा पाया गया।

ऐसे करें बचाव: ऐसे समय में कम तनाव लेना सबसे अधिक जरूरी है। साथ ही मरीजों को स्वस्थ जीवन शैली के साथ हेल्दी डाइट भी फॉलो करना चाहिए। उन खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानि कि GI कम हो। इसके अलावा, करी पत्ता, दालचीनी, लहसुन जैसे घरेलू आहारों का सेवन भी भरपूर मात्रा में करना चाहिए। इसके साथ ही शारीरिक सक्रियता भी जरूरी है। योग और व्यायाम के साथ ही कुछ देर की वॉक भी बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है।