डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें खून में ग्लूकोज का स्तर अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है। डायबिटीज में लोगों को अपने खाने-पीने को लेकर बहुत सतर्क रहना पड़ता है। खाने में जरा सी लापरवाही से आपका शुगर लेवल बढ़ सकता है। बता दें की बॉडी में जब पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम कर दे या फिर शरीर इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल ना कर पाए तो लोग डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में लगभग 442 मिलियन लोग आज मधुमेह की बीमारी का शिकार हैं। डायबिटीज के मरीज को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए। इसके अलावा आपको वजन को भी कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है।
आपको बता दें कि टाइप-1 डायबिटीज के मरीज में लक्षण बहुत तेजी से दिखते हैं। जबकि टाइप-2 के मरीज में डायबिटीज के शुरुआती लक्षण काफी कम नजर आते हैं। डायबिटीज के मरीज अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ कुछ घरेलू उपायों को भी आजमा सकते हैं। आइये जानते हैं-
करेला: करेले में पोटैशियम, विटामिन ए, बी, सी, राइबोफ्लेविन और थायमिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह तत्व अग्नाशय के बीटा सेल्स को शक्ति देते हैं, जिससे इंसुलिन हार्मोन को बनाने में मदद मिलती है।
बथुआ: बथुए में विटामिन ए, बी, सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और आयरन की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाता है और ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करता है। आप अलग-अलग तरीकों से बथुए को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
अंजीर के पत्ते: अंजीर के पत्तों में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कम करने में मदद मिलती है। अंजीर के पत्तों को खाली पेट चबाने या पानी में उबाल कर पीने से मधुमेह कंट्रोल रहता है।
अंगूर के बीज: अंगूर के बीजों में विटामिन ई, फ्लेवोनोइड्स, लिनोलिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो मधुमेह के इलाज में प्रभावशाली साबित होते हैं। आप अंगूर के बीज को पीस कर चूर्ण बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
जामुन के बीज: जामुन ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए फायेदमंद है इसलिए जामुन के मौसम में इसका सेवन करना न भूलें। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए जामुन की गुठलियों को अच्छी तरह सुखाकर पीस लें। इस चूर्ण को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। लेकिन ध्यान रहे कि इस तरह के किसी भी उपचार पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।