Nerve-relaxing solution: हाथ-पैरों की नसें कमजोर होना एक ऐसी परेशानी है जो किसी भी उम्र के लोगों को कभी भी परेशान कर सकती है। नसों की कमजोरी होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे ब्लड सर्कुलेशन का कमजोर होना,लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना, विटामिन B12 और विटामिन D की कमी, ज्यादा तनाव, बढ़ती उम्र, गलत खानपान, मोटापा, धूम्रपान और शराब का सेवन। डायबिटीज की वजह से भी नसें कमजोर होने लगती हैं और डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) का खतरा भी बढ़ जाता है। दूसरी बीमारियों जैसे थायराइट, खून की कमी,पानी की कमी होने पर भी बॉडी में नसें कमजोर होने लगती हैं।
नसें कमजोर होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे हाथ- पैरों में अक्सर झनझनाहट होना, चलने पर पिंडलियों में दर्द या कंफर्ट की कमी महसूस होना, सालों से कमर दर्द, घुटनों या जोड़ों में दर्द होना शामिल है। हमारी बॉडी में हजारों नर्व्स का बड़ा नेटवर्क है, इनमें कहीं भी ब्लॉकेज आ जाए तो ब्लड फ्लो कम होने लगता है जो दर्द, जलन, सुन्नपन, भारीपन और बेचैनी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करना बेहद जरूरी है। डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल नसों की ब्लॉकेज खोलता है और दर्द को जड़ से ठीक करने में मदद करता है।
आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक एक सिंपल, नेचुरल, रिलैक्सिंग नुस्खा आपकी बंद नसों की ब्लॉकेज खोलता है और दर्द को जड़ से ठीक करने में मदद करता है। इस नुस्खों को अपनाकर नसों और मांसपेशियों को ऑक्सीजन मिलती जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट, जलन, सुन्नपन, थकान, पिंडलियों में क्रैंप, पैरों में ठंडापन, पैरों में भारीपन और सूजन का इलाज होता है।
अगर आप भी इन सब परेशानियों का इलाज पेनकिलर से करते हैं तो ये टेंपरेरी रिलीफ है। समस्या की असली जड़ ब्लड सर्कुलेशन का ठीक तरीके से नहीं होना और नर्व का टाइट होना है। इन परेशानियों का इलाज करने के लिए आप डाइट में कपूर और नींबू का चमत्कारिक नुस्खा अपनाएं। ये दोनों नुस्खे बेहद असरदार साबित होते हैं और आपकी कमजोर नसों को मजबूत बनाते हैं। आइए जानते हैं कि कपूर और नींबू का नुस्खा कैसे आपकी कमजोर नसों को मजबूत बनाता है।
भीमसैनी कपूर से करें नसों का इलाज
एक्सपर्ट ने बताया अगर आप अपनी कमजोर नसों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो आप भीमसैनी कपूर का इस्तेमाल करें। याद रखें कि सिंथेटिक कपूर का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें। कपूर में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें एंटी–इन्फ्लामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने वाली एक्टिव प्रॉपर्टीज हैं। इनसे नसों को आराम मिलता है। नींबू में एंटी–इन्फ्लामेटरी गुण भी मौजूद होते हैं जो स्किन पोर्स खोलते हैं, स्किन को डिटॉक्स करते हैं और सूजन को कंट्रोल करते हैं।
इस नुस्खे को कैसे बनाएं?
स्टेप 1– सबसे पहले पानी गर्म करें। 2–3 लीटर पानी को इतना गर्म करें जितना पैर आराम से सह सकें। पानी ना बहुत ज्यादा गर्म, ना बहुत कम गर्म हो।
स्टेप 2- कपूर का पाउडर बनाएं। नेचुरल कपूर के 2 छोटे टुकड़े लेकर उन्हें बारीक पीस लें। एक छोटे बाउल में एक नींबू का रस निकाल लें।
स्टेप 3- अब कपूर–नींबू वाला घोल तैयार करें। गर्म पानी को टब या बाल्टी में डालें। उसमें कपूर का पाउडर, नींबू का रस दोनों मिला दें। आपका नर्व-रिलैक्सिंग सॉल्युशन तैयार है।
स्टेप 4- अपने पैर 5–7 मिनट इस पानी में डुबोकर रखें और रिलैक्स करें। पहली बार हल्की झुनझुनी या करंट जैसा फील हो सकता है। यह संकेत है कि नुस्खा असर कर रहा है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ रहा है। सर्दी के मौसम में इस तरीके को अपनाने से पैर गर्म और एक्टिव रहते हैं।
कपूर और नींबू पानी की सिकाई करने से होने वाले फायदे
कपूर और नींबू पानी से हाथ-पैरों की सिकाई करने से ब्लड फ्लो बढ़ने से पैरों का ठंडापन दूर होता है। फटी एड़ियां मुलायम होती हैं। इसका इस्तेमाल करने से 3-4 हफ्ते में डेड स्किन निकलती है और एड़ियां स्मूद बनती हैं। लंबे समय तक बैठे रहने वालों के लिए ये खासतौर पर फायदेमंद है। डेस्क जॉब, ड्राइविंग या लैपटॉप पर लंबे समय तक बैठने वालों को तुरंत आराम मिलता है।
कब और कितनी बार करें इस नुस्खे से इलाज?
रोज़ रात को सोने से पहले सिर्फ 5 दिन लगातार ट्राई करें, फर्क आपको खुद महसूस होगा।
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