यूरिक एसिड का बनना एक ऐसी परेशानी है जो खराब डाइट की वजह से पनपती है। डाइट में प्यूरीन वाले फूड्स का सेवन करने, अधिक वजन होने से, डायबिटीज की बीमारी की वजह से, मूत्रवर्धक गोलियों का सेवन करने से और बहुत अधिक शराब पीने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। यूरिक एसिड बढ़ने की परेशानी तब होती है जब किडनी बॉडी में मौजूद टॉक्सिन को बाहर निकालने में सफल नहीं होती।
बॉडी में टॉक्सिन बढ़ने से वो जोड़ों में जमा होने लगता हैं। जब इन टॉक्सिन की मात्रा बॉडी में ज्यादा हो जाती है तो ये क्रिस्टल के रूप में बॉडी के ज्वाइंट में इकट्ठा हो जाते हैं और दर्द का कारण बनते हैं। यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से हाथ-पैरों के जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है। यूरिक एसिड को अगर कंट्रोल किया जाए तो इस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कुछ जड़ी बूटियां बेहद असरदार साबित होती है। गुडूची एक ऐसी आयुर्वेद जड़ी-बूटी है जो तेजी से यूरिक एसिड को कंट्रोल करती है। इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल करने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और यूरिक एसिड के लक्षणों को दूर करने में भी मदद मिलती है। आइए जानते हैं कि कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में गुडूची का सेवन असरदार है।
गुडूची कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है:
गुडूची जिसे गिलोय के नाम से भी जानते हैं। ये जड़ी-बूटी बॉडी को हेल्दी रखने में बेहद असरदार साबित होती है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ ही ये यूरिक एसिड को भी कंट्रोल करती है। योग गुरू बाबा रामदेव के मुताबिक गुडूची का सेवन करने से यूरिक एसिड तेजी से कंट्रोल होता है। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर गुडूची यूरिक एसिड के लक्षणों को कम करती है। इसका इस्तेमाल करने से बॉडी की सूजन और दर्द से राहत मिलती है।
गुडूची का सेवन कैसे करें:
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए गुडूची के पत्तों को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह इस पानी को तब तक पकाएं जब तक ये आधा नहीं रह जाए। इस पानी को छान लें और फिर उसका सेवन करें। सुबह रोज खाली पेट इस पानी को पीने से यूरिक एसिड कंट्रोल रहेगा।