खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव का असर आपके पाचन को भी बिगाड़ देता है। कुछ लोग ऐसे भी हैं वो जो कुछ भी खाते हैं उसे खाने के बाद उनके सीने में जलन और तेजाबियत बनने लगती है। लम्बे समय तक अगर इस स्थिति का इलाज नहीं किया जाए तो ये तेजाबियत और एसिडिटी क्रॉनिक बन जाती है। आयुर्वेद के मुताबिक खाना पचाने और पाचन तंत्र के बेहतर कामकाज के लिए पित्त जरूरी होता है लेकिन जब पित्त का उत्पादन अधिक होता है तो ये तेजाबियत का कारण बनने लगता है।

कुछ लोगों की डाइट इतनी खराब होती है कि वो खाने-पीने पर कंट्रोल नहीं करते सिर्फ पेट भरने पर ज़ोर देते हैं। खाने के हजम करने के लिए और गैस से बचने के लिए रोज गोलियां फांकते रहते हैं। आप जानते हैं कि खराब डाइट और तनाव आपको एसिडिटी और हाइपरएसिडिटी का शिकार बना देता है। हाइपरएसिडिटी, जिसे गैस्ट्राइटिस या एसिड रिफ्लक्स के रूप में भी जाना जाता है। ये पेट की परत की सूजन है जो आमतौर पर बैक्टीरिया के संक्रमण,खराब आदतें जैसे शराब का सेवन, अत्यधिक धूम्रपान के कारण होती है।

डॉ. वैशाली शुक्ला इंस्टाग्राम पर @vedamrit हैंडल से पेज चलाती हैं,उन्होंने रील में तीन ऐसी चीजों के बारे मं बताया है जो एसिडिटी और हाइपरएसिडिटी के इलाज में प्रभावी हो सकती हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ऐसी कौन सी तीन चीजें है जो एसिडिटी और हाइपर एसिडिटी से निजात दिलाती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे फूड्स हैं जो एसिडिटी और हाइपरएसिडिटी से निजात दिलाते हैं।

धनिया के बीज का करें सेवन

आयुर्वेद के अनुसार धनिये के बीज पित्त और एसिडिटी के स्तर को बढ़ाए बिना अग्नि (पाचन अग्नि) को नियंत्रित करके पाचन में सुधार करने में असरदार हैं। ये बीज पेट फूलने और पेट की सूजन का इलाज करने में भी असरदार हैं। धनिया के बीज का इस्तेमाल करने के लिए आप 1 चम्मच धनिये के बीज को 1 कप पानी में रात भर भिगो दें। सुबह इस पानी को छान लें और उसका खाली पेट सेवन करें। धनिये के बीज का पानी एसिडिटी और हाइपर एसिडिटी का उपचार करता है।

सौंफ और मिश्री भी करती है एसिडिटी का उपचार

सौंफ और मिश्री का सेवन अक्सर हम लोग खाना खाने के बाद करते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक सौंफ का सेवन खाने के बाद करना एक हेल्दी हेबिट है। सौंफ के एंटी-अल्सर गुण पेट की परत को ठंडा करते हैं और पाचन तंत्र को कूल करते हैं।

सौंफ के बीज में मौजूद खनिज, विटामिन और फाइबर एसिडिटी और हाइपरएसिडिटी को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। एसिडिटी और हाइपर एसिडिटी का उपचार करने के लिए आप आधा चम्मच सौंफ लें और उसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिलाएं और अच्छे से मिक्स कर लें। आप सौंफ और मिश्री को दिन में दो बार खाएं आपको एसिडिटी और हाइपर एसिडिटी से निजात मिलेगी।

मुनक्का का करें सेवन

मुनक्का किशमिश की तरह होता है जो एसिडिटी और हाइपरएसिडिटी को कंट्रोल करने में रामबाण दवा है। मुनक्का मैग्नीशियम और पोटैशियम से भरपूर होता हैं, जो पाचन में सुधार करता है और एसिडिटी से राहत दिलाता हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपको हाइपर एसिडिटी है तो आप धनिया का पानी पीने के बाद 10 मुनक्का का सेवन कर सकते हैं।