सर्दियों के मौसम में अधिकतर जोड़ों में दर्द और पुराने दर्द का सामना करना पड़ता है। इसका सबसे बड़ा कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होना और कैल्शियम की कमी होने का मतलब हड्डियों का कमजोर होना। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए समा के चावल बहुत फायदेमंद हो सकते हैं और चावल खाना अधिकतर लोगों को पसंद भी होता है, लेकिन बढ़ते वजन और डायबिटीज के कारण लोग चावल से दूरी बनाए रखते हैं। समा के चावल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होने के साथ शरीर को ताकत मिलती है।
समा के चावल के पोषक तत्व
समा के चावल को व्रत के चावल या बार्नयार्ड मिलेट के नाम से भी जाना जाता है। समा के चावल को खासतौर पर व्रत के समय अधिक खाया जाता है। समा के चावल में कई तरह के पोषक तत्व फाइबर, प्रोटीन, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी आदि पाए जाते हैं। इसके सेवन से न सिर्फ हड्डियों का फायदा होगा, बल्कि इससे इम्यूनिटी मजबूत होगी और कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल रहेगा है। फिट क्लीनिक की डाइटिशियन सुमन ने समा के चावल के फायदे बताए हैं।
समा के चावल के फायदे
- हड्डियां मजबूत
- वजन कंट्रोल
- शुगर
- डाइजेशन
हड्डियों को मिलेगी मजबूती
समा के चावल में कैल्शियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाते हैं। समा के चावल खाने से हड्डियां मजबूत होने के साथ हड्डियों में होने वाली दर्द से भी राहत मिलती है।
डाइजेशन सिस्टम अच्छा होगा
समा के चावल खाने से डाइजेशन सिस्टम अच्छा होता है। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखती है और कब्ज से राहत देती है। समा के चावल ग्लूटेन फ्री होते हैं, इसलिए इन्हें पाचने में आसानी होती है।
वजन कंट्रोल
समा के चावल में कैलोरी कम होती है और फाइबर ज्यादा, इसलिए ये पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं। इसके साथ ही इनमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं।
ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल
इसके अलावा समा के चावल ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए भी लाभकारी होते हैं। इसके साथ ही समा के चावल खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल घटाने में भी काफी मदद मिलती है।
समा के चावल का कैसे करें इस्तेमाल
- समा के चावल की खिचड़ी बनाकर आप इसे मुख्य भोजन के रूप में ले सकते हैं।
- इसे सब्जियों के साथ पकाकर उपमा बना सकते हैं।
- उपवास के दौरान इसे कुट्टू के आटे के साथ मिलाकर खा सकते हैं।
- इसे दलिया की तरह दूध में पकाकर मीठे के रूप में भी खा सकते हैं।
वहीं, डायबिटीज के मरीजों के लिए चीनी का सेवन खतरनाक हो सकता है। अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि मिठास के लिए सफेद शुगर, ब्राउन शुगर और शहद किसका सेवन करना चाहिए?