बढ़ती उम्र के साथ कई स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं होना बहुत आम है, क्योंकि उम्र के साथ शरीर कमजोर होने लगता है। ऐसे ही जोड़ों में दर्द और घुटनों की ग्रीस भी खत्म होने लगती है। जोड़ों में ग्रीस कम होने से चलने-फिरने और उठने-बैठने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, समय रहते खानपान के साथ-साथ कुछ चीजों का ध्यान रखने से जोड़ों के दर्द और घुटनों में ग्रीस की कमी को दूर किया जा सकता है।
दरअसल, हमारे आसपास कई प्रकार के पेड़ पौधे हैं जो न सिर्फ सुंदरता को बढ़ाते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटी, पेड़-पौधों और फूल-पत्तियों का जिक्र किया गया है, जिनके इस्तेमाल से गंभीर से गंभीर बीमारियों से राहत मिलती है। इन्हीं में से एक है पारिजात यानी हरसिंगार का पौधा है, जो पेट की समस्या से लेकर शुगर तक कंट्रोल करने में मददगार होने के साथ-साथ जोड़ों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। आयुर्वेदिक डॉक्टर रूपाली जैन ने पारिजात के फायदे बताए हैं।
आयुर्वेदिक डॉक्टर रूपाली जैन के मुताबिक, पारिजात यानी हरसिंगार के पत्तों का उपयोग जोड़ों के दर्द और अकड़न को कम करने के लिए किया जाता है और जोड़ों की चिकनाई यानी ग्रीस बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। पारिजात के पत्तों में मौजूद औषधीय गुण घुटनों के दर्द, सूजन और जकड़न को दूर करने में बेहद असरदार हैं।
कैसे करें पारिजात के पत्तों का सेवन
- काढ़ा- 6-7 पारिजात के पत्तों को 1-2 कप पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा न रह जाए।
- पेस्ट- पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें और इसे प्रभावित जगह पर लगाएं।
- चूर्ण- 1-3 ग्राम पारिजात चूर्ण को सुबह खाली पेट पानी के साथ लें।
साइटिका के दर्द से राहत
पारिजात में सूजन-रोधी और दर्द निवारक गुण होते हैं, जो साइटिका के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। पारिजात के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से साइटिका के दर्द में आराम मिलता है। पारिजात के पत्तों को पीसकर उसका लेप दर्द वाली जगह पर लगाने से भी आराम मिलता है।
शुगर के मरीजों के लिए लाभकारी
पारिजात पौधे के फूल शुगर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। टाइप 2 मधुमेह के मरीजों के लिए असरदार हो सकता है। ये फूल ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करते हैं।
जोड़ों में दर्द
पारिजात यानी हरसिंगार के जोड़ों के दर्द और घुटनों में ग्रीस बढ़ाने के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है। पारिजात के फूल, पत्तियां, छाल या टहनी को मिलाकर 200 ग्राम पानी में उबाल लें और इसका काढ़ा बनाकर नियमित रूप से पिएं। इससे जोड़ों का दर्द कम हो जाता है। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और पेन रिलीवर गुण पाए जाते हैं, जो विशेष रूप से जोड़ों के दर्द, घुटनों की सूजन और साइटिका में राहत देते हैं।
वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।