हमारी सेहत का राज हमारे खानपान में छिपा हुआ है, लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों का खानपान से लेकर लाइफस्टाइल तक सब प्रभावित हो चुका है। जिसके चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बहुत आम हो चुकी हैं, जिसमें यूरिक एसिड की समस्या भी बहुत आम होने लगी है। यूरिक एसिड एक ऐसी समस्या है, जो एक बार शरीर में बढ़ जाए तो गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन जैसी समस्याएं पैदा करता है। हालांकि, यूरिक एसिड को प्राकृतिक तरीके से भी कंट्रोल किया जा सकता है। केयर अस्पताल, बंजारा हिल्स, हैदराबाद में क्लिनिकल डायटीशियन और सलाहकार डॉ. जी सुषमा ने बताया कि आंवला का सेवन करने से यूरिक एसिड कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही आंवला कई बीमारियों से बचाने के लिए भी लाभकारी हो सकता है।
डायटीशियन डॉ. जी सुषमा ने बताया कि आंवला न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी बचाने में भी असरदार होता है। खासकर जब बात हो हड्डियों में जमा यूरिक एसिड की, तो आंवला का सेवन रामबाण साबित हो सकता है। आंवले को सही तरीके से सेवन करें, तो यह यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने में मदद करता है और शरीर को कई बीमारियों से भी छुटकारा दिला सकता है।
दरअसल, यूरिक एसिड तब बनता है जब शरीर प्यूरीन नामक तत्व को तोड़ता है, जो भोजन में होता है। जब शरीर इसे पूरी तरह से बाहर नहीं निकाल पाता, तो यह हड्डियों और जोड़ों में जमा हो जाता है और सूजन या तेज दर्द की वजह बनता है।
आंवला के फायदे
आंवला में विटामिन C, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो न सिर्फ पाचन को बेहतर बनाते हैं, बल्कि शरीर से विषैले तत्वों यानी टॉक्सिन को बाहर निकालने में भी असरदार होते हैं। इसके नियमित सेवन से किडनी की कार्यक्षमता बढ़ती है, जिससे यूरिक एसिड को फिल्टर करके यूरिन के जरिए बाहर निकालने में मदद मिलती है।
यूरिक एसिड को कैसे कंट्रोल कर सकता है आंवला
आंवले का सेवन साबुत फल, जूस या पाउडर के रूप में किया जाता है। आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, जो हाई यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। विटामिन सी किडनी के जरिए इसके उत्सर्जन को बढ़ाकर यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में मदद करता है।
कैसे करें आंवला का सेवन
- सुबह खाली पेट एक चम्मच आंवला पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें।
- आंवले का जूस।
- आंवला मुरब्बा को नाश्ते में शामिल करें।
इन बीमारियों से भी मिल सकती है राहत
- डायबिटीज कंट्रोल- आंवला इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।
- जोड़ों का दर्द- आंवला में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करते हैं और जोड़ों की गति बढ़ाते हैं।
- पाचन तंत्र मजबूत- आंवला में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाचन सुधारते हैं, जिससे कब्ज और गैस की समस्या नहीं होती।
वहीं, डायबिटीज के मरीजों के लिए चीनी का सेवन खतरनाक हो सकता है। अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि मिठास के लिए सफेद शुगर, ब्राउन शुगर और शहद किसका सेवन करना चाहिए?