डार्क चॉकलेट अपने गहरे स्वाद और मूड को बेहतर करने वाले गुणों के लिए मशहूर है, लेकिन अब रिसर्च यह भी साबित कर रहे हैं कि यह लिवर की सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। खासतौर पर नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) में डार्क चॉकलेट का सीमित सेवन लिवर की कार्यक्षमता को सुधारने और फैट जमा होने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकता है। डार्क चॉकलेट में पॉलीफेनॉल्स और फ्लैवोनॉल्स जैसे यौगिक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर मात्रा में होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करने और सूजन को कंट्रोल करने में मददगार हैं।
क्या है नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज
नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) एक ऐसी समस्या है, जिसमें शराब का सेवन न करने के बावजूद लिवर में अतिरिक्त फैट जमा हो जाता है। यह बीमारी मोटापा, इंसुलिन रेजिस्टेंस और मेटाबॉलिक सिंड्रोम आदि की समस्या से हो सकती है। अगर, समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह नॉन-अल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस में बदल सकती है, जिसमें लिवर में सूजन और सेल डैमेज होने लगता है। आगे चलकर यह सिरोसिस या लिवर फेलियर जैसी गंभीर स्थिति का कारण बन सकती है।
डार्क चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट गुण
डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल्स और फ्लैवोनॉल्स लिवर में होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचाकर फैटी लिवर का खतरा बढ़ाता है। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करते हैं, ब्लड सर्कुलेशन अच्छा करते हैं, सूजन को कम कर सकते हैं।
सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस में कमी
एलिमेंटरी फार्माकोलॉजी एंड थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, डार्क चॉकलेट का सेवन करने से NASH यानी नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस मरीजों के शरीर में sNOX2-dp और आइसोप्रोस्टेन जैसे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस मार्कर काफी कम हुए। इससे पता चलता है कि डार्क चॉकलेट लिवर को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में मदद कर सकती है।
लिवर एंजाइम्स में सुधार
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपी एक और रिसर्च में पाया गया कि रोजाना 40 ग्राम डार्क चॉकलेट खाने से प्लाज्मा 8-आइसोप्रोस्टेन, एलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज और घुलनशील NADPH ऑक्सीडेज 2 (NOX2) के लेवल में कमी आई है। एलेनिन एमिनोट्रांस्फरेज का बढ़ना लिवर डैमेज का संकेत है, ऐसे में इसका कम होना लिवर हेल्थ के लिए डार्क चॉकलेट के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।
लिवर के लिए सही डार्क चॉकलेट कैसे चुनें
डार्क चॉकलेट के फायदों का लाभ तभी मिलेगा जब इसे सही चुना जाएगा। ऐसे में 70% या उससे अधिक कोको वाली चॉकलेट लें, जिससे फ्लैवोनॉल्स ज्यादा और शुगर कम हो। इसके साथ ही ऑर्गेनिक और मिनिमली प्रोसेस्ड डार्क चॉकलेट का चयन करें, ताकि प्राकृतिक पॉलीफेनॉल्स सुरक्षित रहें। वहीं, ज्यादा शुगर, मिल्क सॉलिड्स या अनहेल्दी फैट्स वाली चॉकलेट से बचें, क्योंकि ये लिवर के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं और वजन बढ़ा सकती हैं।
डार्क चॉकलेट खाने का सही तरीका
डार्क चॉकलेट का सेवन सीमित मात्रा में करना जरूरी है। रोजाना लगभग 20–40 ग्राम तक डार्क चॉकलेट का सेवन लिवर हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है। ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर कैलोरी बढ़ सकती है और वजन बढ़ने का खतरा रहता है, जो फैटी लिवर को और खराब कर सकता है।
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