गर्मियों के शुरू होते ही बीमारियों का फैलना भी शुरू हो जाता है। जहां एक तरफ कोरोनावायरस अपने पैर पसार रहा है, वहीं, धीरे-धीरे टाइफाइड के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हालांकि, सबसे ज्यादा डराने वाली बात यह है कि कोरोना के लक्षण भी टाइफाइड की तरह ही हैं। हालांकि, जहां कोरोनावायरस ठीक होने में 10-12 दिनों का समय ले रहा है, तो वहीं, टाइफाइड को ठीक होने में 20 दिनों से ज्यादा का वक्त लगता है।

बता दें, टाइफाइड एक तरह का बुखार होता है, जो खून में साल्मोनेला टाइफी नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है। खराब खानपान और दूषित पानी पीने के कारण यह साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया खून के प्रवाह में पहुंच जाता है, जिसके बाद तेज बुखार समेत पेट दर्द, उल्टी, बदन दर्द आदि समस्याएं होने लगती हैं।

योग गुरू बाबा रामदेव के मुताबिक योग के साथ-साथ आयुर्वेदिक काढ़े के जरिए टाइफाइड को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। अगर आप भी टाइफाइड की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो मुनक्के और अंजीर से बना यह आयुर्वेदिक काढ़ा आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। बाबा रामदेव के मुताबिक इस काढ़े से केवल तीन दिनों के अंदर ही टाइफाइड की बीमारी को ठीक किया जा सकता है।

बाबा रामदेव के मुताबिक मुनक्के और अंजीर के काढ़े के साथ तीन दिनों तक दिनभर चीकू का सेवन करना चाहिए। अगर चीकू नहीं मिल पा रहा है तो आप सेब या फिर पपीते का सेवन भी कर सकते हैं। इसके अलावा मूंग की दाल से बनी खिचड़ी का सेवन भी करना चाहिए।

टाइफाइड के लक्षण: टाइफाइड की बीमारी से जूझ रहे लोगों को बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द, उल्टी, भूख ना लगना, बदन दर्द और बैचेनी समेत कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।

काढ़ा बनाने की विधि: इस काढ़े को बनाने के लिए 2 से 3 ग्राम खूबकाला, 8 मुनक्के और 3 से 4 अंजीर की जरूरत होती है। इसको बनाने के लिए करीब 400 ग्राम पानी में इन तीनों चीजों को मिलाकर धीमी आंच पर उबाल लें। जब पानी 100 ग्राम बच जाए, तो इसे अच्छे से मैश करके पानी को छान लें। दिन में करीब दो बार इस काढ़े का सेवन करें।