खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का असर हमारे पाचन पर साफ देखने को मिलता है। दिन भर में तला-भुना मसालेदार खाना और हैवी फूड का सेवन करने से हमारे पाचन पर दबाव पड़ता है और पाचन क्रिया प्रभावित होती है। जिन लोगों को पाचन से जुड़ी परेशानियां जैसे गैस,एसिडिटी और अपच की परेशानी होती है उनको डाइट का सेवन बेहद सोच विचार कर करना चाहिए। डाइट में ज्यादा प्रोटीन खाने से कब्ज, गैस और कई बार डायरिया की भी समस्या हो सकती है। 

दालें हमारी डाइट का अहम हिस्सा हैं जिनका सेवन हम दिन भर के खाने में एक से दो बार करते हैं। दाल का सेवन करने से बॉडी को जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, खनिज और फाइबर भरपूर मिलता है। NCBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक दालें प्रोटीन और फाइबर का बेहतरीन स्रोत हैं साथ ही इनमें आयरन, जिंक, फोलेट और मैग्नीशियम जैसे विटामिन और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं जो बॉडी को हेल्दी रखते हैं। 

लेकिन क्या आपने कभी महसूस किया है कि कुछ दालें ऐसी भी हैं जिन्हें खाने से पेट में बहुत अधिक गैस बनती है और वो आसानी से पचती नहीं है? खासकर रात के खाने में इन दालों का सेवन करने से परेशानी ज्यादा होती है। जिन लोगों को गैस्ट्रिक समस्या है उन्हें दाल बिल्कुल नहीं पचती। दाल खाते ही उनके पेट में एसिड बनने लगता है और उनका पेट फूलकर कुप्पा बन जाता है।

आप जानते हैं कि दाल का सेवन दिन में किया जाए तो सेहत के लिए ठीक है लेकिन रात के खाने में दाल का सेवन करने से पाचन से जुड़ी परेशानियां बढ़ने लगती हैं। कुछ दालें ऐसी है जिनका सेवन किसी भी समय किया जाए तो वो पेट में गैस ही बनाती है। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी तीन दालें हैं जो पाचन को बिगाड़ती है और गैस बनाती है। इन दालों का सेवन कैसे करें कि गैस से निजात मिल सके।

सफेद मटर करती है गैस

अक्सर हम लोग बाजार से कुल्चे छोले खाते हैं। कुल्चों के साथ जिसे हम छोले समझकर खाते हैं दरअसल वो सफेद मटर है। ये मटर सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर ये मटर बॉडी को पोषण देती है, लेकिन जब इसे पचाने की बात आती है तो हम थोड़ा निराश हो जाते हैं। ये दाल खाने के बाद पचने में बेहद समय लेती है, इसका सेवन करने से गैस्ट्रिक समस्याएं बढ़ने लगती है। अगर इसे खाने के बाद आपका पेट भी फूल जाता है और गैस बढ़ने लगती है तो आप इसका सेवन 8-12 घंटे तक भिगोने के बाद करें। इसे पकाते समय उसमें हींग और बेकिंग सोडा जरूर डालें। ये दोनों मसाले पाचन क्रिया को बेहतर करने में मदद करते हैं।

उड़द की दाल

उड़द की दाल सबसे भारी दालों में से एक मानी जाती है जिसे पचाना बेहद मुश्किल होता है।  इसके सेवन से बहुत अधिक गैस बनती है और इसे पचाने में काफी समय लगता है। जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर है उन्हें इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए, चूंकि यह एक गैसीय दाल है। जिन लोगों को पैरों में दर्द की परेशानी रहती है उन्हें इसका सेवन करने से खासतौर पर परहेज करना चाहिए। अगर आप इस दाल का सेवन करते हैं तो इस दाल को कम से कम 8-10 घंटे भिगो दें और फिर इसे पकाएं। इसे पकाते समय हींग और धनिया के बीज का इस्तेमाल करें। दाल के साथ प्याज का सेवन कम करें क्योंकि ये गैस बनाती है।

चना दाल से करें परहेज

चना दाल प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है और बेहद पौष्टिक भी मानी जाती है, लेकिन इस दाल का सेवन करने से गैस बनती है। अगर आप चाहते हैं कि दाल का सेवन करने से गैस नहीं बने तो आप इसे नारंगी रंग की मसूर दाल के साथ मिलाकर पकाएं। आप इस दाल को पकाने से पहले कम से कम 4-6 घंटे के लिए भिगो दें। इस दाल को पकाते समय उसमें मेथी दाना डाल सकते हैं। मेथी दाना इस दाल के गैस्ट्रिक गुणों को कम करता हैं। इस दाल में आप हींग, धनिया पाउडर और थोड़ा सा सौंफ पाउडर का इस्तेमाल करें तो इसके गैस्ट्रिक गुण कम हो जाएंगे और दाल स्वादिष्ट बनेगी।

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