रात में बार-बार पेशाब आना एक ऐसी परेशानी है जिसे मेडिकल भाषा में नोक्टूरिया (Nocturia) कहा जाता है। रात में पेशाब आने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ लोगों का ब्लैडर ओवरएक्टिव (Overactive Bladder) हो जाता है, यानी ब्लैडर में थोड़ा सा पेशाब जमा होने पर ही पेशाब का सिग्नल मिल जाता है। पुरुषों में रात में पेशाब बार-बार आने का एक आम कारण प्रोस्टेट का बढ़ जाना है। कुछ लोगों को डायबिटीज की वजह से रात में पेशाब ज्यादा आता है तो कुछ लोगों को डाइट में एसिडिक फ्रूट्स का सेवन करने की वजह से पेशाब ज्यादा आता है।
हेल्थलाइन के मुताबिक फ्रूट्स सेहत के लिए उपयोगी हैं लेकिन रात में कुछ एसिडिक फलों को खाने से ब्लैडर में इरिटेशन होने लगता है। रात में सही फलों का चुनाव, सही समय पर और सही मात्रा में करना बेहद जरूरी है। सही फलों का रात में सेवन करने से ब्लैडर की इरिटेशन कम होती है और पेशाब की फ्रीक्वेंसी भी कंट्रोल रहती है।
कौन से फल रात में खाने से ज्यादा आता है पेशाब
- फलों का सेवन करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ज़्यादा एसिडिक फल ब्लैडर को चुभते हैं और इरिटेशन बढ़ाते हैं, जिससे पेशाब बार-बार आने लगता है।
- बहुत मीठे फल शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाते हैं, जिससे यूरिन का उत्पादन भी बढ़ता है और पेशाब ज्यादा आता है।
- हाई-वॉटर-कंटेंट वाले फल अगर रात में खाए जाएं तो शरीर में तरल मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रात में पेशाब की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है। इसलिए फल का सेवन करते समय मात्रा और खाने के वक्त का ध्यान रखना जरूरी है।
रात में खाएं ये 5 फल तो नोक्टूरिया (रात में बार-बार पेशाब आने) की समस्या से मिलेगा छुटकारा
केला (Banana) खाएं
केला एक लो-एसिड फल है जो ब्लैडर फ्रेंडली माना जाता है। इसमें फाइबर और पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाता है और मांसपेशियों के कार्य में मददगार होता है। केला ब्लैडर को इर्रिटेट नहीं करता और इसे दिन में एक बार, ब्रेकफास्ट या लंच के साथ लेना फायदेमंद है। लेकिन अगर किसी को क्रॉनिक किडनी डिजीज है तो हाई पोटैशियम हानिकारक हो सकता है।
नाशपाती (Pear) खाएं
पकी हुई नाशपाती भी लो-एसिड फल है और ब्लैडर पर कोई नकारात्मक असर नहीं डालती। इसमें मौजूद फाइबर पाचन को सपोर्ट करता है और यह बार-बार पेशाब आने की समस्या को भी कंट्रोल करता है। नाशपाती को मिड-मॉर्निंग या लंच के समय खाना सबसे अच्छा रहता है। बस ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा पकी नाशपाती न खाएं, क्योंकि उसमें शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।
ब्लूबेरी (Blueberries) खाएं
ब्लूबेरी में पॉलीफेनोल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं, जो सूजन कम करने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसका एसिडिटी लेवल कम होता है, इसलिए ये ब्लैडर के लिए सुरक्षित है। रोजाना आधा कप ब्लूबेरी खाने से ब्लैडर और किडनी हेल्थ दोनों को फायदा होता है।
पपीता (Papaya) खाएं
पपीता का एसिडिटी लेवल भी कम होता है और इसमें मौजूद डाइजेस्टिव एंजाइम्स पेट को हल्का रखते हैं। यह ब्लैडर को इर्रिटेट नहीं करता और पाचन में सुधार लाता है। इसे मिड डे या दिन में 12 बजे के आस-पास खाना सबसे अच्छा है।
सेब (Apple) खाएं
सेब शरीर में आसानी से पचता है और ब्लैडर पर कोई अतिरिक्त लोड नहीं डालता। रोजाना एक मीडियम साइज का सेब खाना सुरक्षित है। इसे दही या बादाम के साथ पेयर करने से शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और रात में पेशाब की फ्रीक्वेंसी कम होती है।
रात में इन फलों को खाने से बचें
- सिट्रस फल जैसे संतरा, ग्रेपफ्रूट, नींबू और टमाटर से परहेज करें। इनमें एसिडिटी अधिक होती है, जो ब्लैडर को इर्रिटेट करती है।
- क्रैनबेरी जूस यूटीआई में फायदेमंद होता है, लेकिन इसकी एसिडिक प्रकृति नोक्टूरिया के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकती है।
- हाई वॉटर कंटेंट फल जैसे तरबूज या खरबूजा इन्हें शाम या रात में खाने से यूरिन आउटपुट बढ़ जाता है।
- हाई शुगर ड्राई फ्रूट्स जैसे खजूर और मुनक्का ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं, जिससे यूरिन प्रोडक्शन भी बढ़ता है। डायबिटीज वाले लोगों को इनसे विशेष रूप से बचना चाहिए।
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