Diabetes Ayurvedic Remedies: आज के समय में बदलती लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की आदतों की वजह से डायबिटीज की समस्या से न केवल उम्रदराज लोग, बल्कि वयस्क भी पीड़ित हैं। बताया जाता है कि जो लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं उन्हें हर कुछ दिनों पर अपने शुगर लेवल की जांच करा लेनी चाहिए। शरीर में जब रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है तो इससे नसें, किडनी, दिल आंखों के डैमेज होने का खतरा रहता है। ऐसे में इसे कंट्रोल करना जरूरी है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए लोग दवा लेते हैं। लेकिन दवा के अलावा आप आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट की मदद से भी डायबिटीज पर काबू कर सकते हैं।
अश्वगंधा: कई सालों से अश्वगंधा का इस्तेमाल आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के रूप में होता आ रहा है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है। एक शोध के अनुसार, रोजाना अश्वगंधा की 2 से 3 खुराक लेने से शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। इतना ही नहीं, डायबिटीज के कारण होने वाली दूसरी परेशानियों को कम करने में भी अश्वगंधा फायदेमंद होता है। आप इसके चूर्ण को पानी या दूध में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। हालांकि, इसके अत्यधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए।
त्रिफला: ये भी एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है जिसका आमतौर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इस्तेमाल होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शुगर लेवल कंट्रोल करने, वजन घटाने और दूसरी परेशानियों को कम करने में त्रिफला सहायक होता है।
गिलोय: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डायबिटीज रोगियों को उन फूड्स को अपनी डाइट में अहमियत देनी चाहिए जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू कम हो। ब्लड शुगर पर काबू पाने में गिलोय भी असरदार साबित होता है। इसका जीआई वैल्यू लो होता है। उनके मुताबिक इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी को एंटी-डायबिटिक के तौर पर जाना जाता है। शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा ग्लूकोज को बर्न करने में भी गिलोय मदद करता है। इसका सेवन मरीज काढ़ा, पाउडर या फिर जूस के रूप में कर सकते हैं।
सदाबहार: डायबिटीज टाइप 2 के मरीजों के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सदाबहार को काफी कारगर मानते हैं। इस पौधे के पत्तों के साथ ही इसका फूल भी ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है। मरीज सदाबहार के ताजे पत्तों को चबा सकते हैं। इसके अलावा, एक कप पानी में इसके फूलों को उबाल कर छान लें और सुबह खाली पेट इस ड्रिंक का सेवन करें।

