खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का सीधा असर हमारी सेहत पड़ता है। खराब डाइट की वजह से लोगों की बॉडी में विटामिन बी 12 और विटामिन डी की कमी आम होती जा रही है। भारत में विटामिन B12 और विटामिन D की कमी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। एक रिसर्च के मुताबिक उत्तर भारत के 74% लोगों में विटामिन B12 की कमी पाई गई है। Tata 1mg लैब की एक रिसर्च के मुताबिक भारत में लगभग 76% लोग विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं। विटामिन B12 और विटामिन D की कमी को पूरा करना के लिए अक्सर लोग सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं। आप जानते हैं कि अगर इन सप्लीमेंट का सेवन सही तरीके से नहीं किया जाए तो उसका पूरा फायदा नहीं होता।
एमडी, मेडिसिन और डीएम न्यूरोलॉजी, एम्स दिल्ली में डॉ प्रियंका सहरावत ने बताया अक्सर उनके मरीज उनके पास आते हैं और बताते हैं कि वो रेगुलर विटामिन डी और विटामिन बी 12 का सेवन करते हैं लेकिन फिर भी उनकी बॉडी को फायदा नहीं हो रहा। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि विटामिन बी 12 और विटामिन डी का सेवन रोजाना करने पर भी बॉडी को फायदा क्यों नहीं होता और इन दोनों विटामिन का सेवन सही तरीके से कैसे किया जाए।
विटामिन B12 कब और कैसे लें?
विटामिन B12 पानी में घुलनशील (Water-Soluble) विटामिन होता है, इसलिए इसका सेवन सुबह खाली पेट या नाश्ते के एक घंटे बाद करना बॉडी के लिए सबसे अच्छा है। अगर विटामिन बी 12 सप्लीमेंट का पूरा फायदा लेना है तो इसका सेवन पानी के साथ करें। याद रखें कि विटामिन बी 12 का सेवन खट्टी चीज और खट्टे ड्रिंक के साथ बिल्कुल नहीं करें। विटामिन C के साथ विटामिन बी 12 सप्लीमेंट का सेवन करने से B12 का अवशोषण कम हो सकता है, इसलिए दोनों को एक साथ लेने से बचें।
विटामिन बी 12 किन लोगों के लिए है जरूरी?
विटामिन B12 और विटामिन C जल में घुलनशील विटामिन है जो बॉडी में जमा नहीं होते और जल्द ही यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाते हैं। इनके सही अवशोषण के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इन्हें सुबह खाली पेट लेना सबसे बेहतर रहता है। यदि खाली पेट लेना संभव न हो तो नाश्ते के एक घंटे बाद लेना सही रहेगा। खाने के बाद इसका सेवन करने से ये विटामिन पानी के साथ अच्छी तरह अवशोषित हो सकता हैं। भारी भोजन के बाद लेने से यह अवशोषण में बाधा डाल सकता है।
शाकाहारी लोगों में विटामिन B12 की कमी ज्यादा होती है। विटामिन बी 12 मांसाहारी फूड में पाया जाता है। शाकाहारी लोग मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करते इसलिए उनकी बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी हो जाती है। बॉडी में इस विटामिन की कमी होने से थकान, कमजोरी, याददाश्त में कमी और एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
विटामिन D कब और कैसे लें?
सूरज की रोशनी विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत है। जिन लोगों की बॉडी में विटामिन डी की कमी होती है वो कमी की भरपाई करने के लिए डाइट और सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं। विटामिन D वसा में घुलनशील (Fat-Soluble) विटामिन होता है इसलिए इसका सेवन खाने के तुरंत बाद करना चाहिए। इसका सेवन ऐसे फूड्स के साथ करें जिसमें वसा मौजूद हो। दूध, घी, नट्स और अंडे के साथ इस सप्लीमेंट का सेवन करना फायदेमंद होता है। अगर आप विटामिन D पाउडर ले रहे हैं, तो इसे दूध के साथ लें ताकि यह अच्छे से अवशोषित हो सके। बॉडी में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए धूप में जाना न भूलें, ये नेचुरल तरीके से विटामिन D पाने का सबसे आसान तरीका है। विटामिन डी सप्लीमेंट का सेवन आप हफ्ते में 1 या 2 बार कर सकते हैं। डॉक्टर की सलाह से 60,000 IU वाले विटामिन D के पाउडर या कैप्सूल को हफ्ते में 1-2 बार लिया जा सकता है।
विटामिन D क्यों है जरूरी ?
विटामिन D हड्डियों, इम्यूनिटी और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है। बॉडी में इस विटामिन की कमी होने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, थकान, बाल झड़ना और मूड स्विंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या B12 और D को एक साथ लिया जा सकता है?
डॉक्टर के मुताबिक विटामिन B12 और विटामिन D को एक साथ लिया जा सकता है क्योंकि दोनों के अवशोषण का तरीका अलग-अलग है। जिन लोगों की बॉडी में इन दोनों विटामिन की कमी है वो विटामिन B12 को सुबह और विटामिन D को भोजन के बाद लें सेहत को पूरा फायदा होगा।
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